सैनिटरी नैपकीन का इस्तेमाल नहीं करती दिया मिर्ज़ा, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप!
सैनिटरी नैपकीन का इस्तेमाल नहीं करती दिया मिर्ज़ा, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप! भारत की ओर से सयुंक्त राष्ट्र पर्यावरण सद्भावना दूत नियुक्त की गई दिया मिर्जा हमेशा से ही पर्यावरण और प्रदूषण को लेकर बातें करती रही हैं। सयुंक्त राष्ट्र पर्यावरण सद्भावना दूत नियुक्त किए जाने के बाद हाल ही में उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा पर बातचीत की।
दिया मिर्जा ने बताया- ‘हमारे देश में स्त्रियों की स्वास्थ सुरक्षा के लिए उपलब्ध सैनिटरी नैपकीन और डाइपर बहुत बड़े पैमाने पर पर्यावरण और वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं इसलिए मैं अपने पीरियड्स के दिनों में सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करना बंद कर चुकी हूं। एक एक्टर होने के नाते मेरा यह कहना बहुत बड़ी बात है क्योंकि हम सैनिटरी नैपकिन का प्रचार भी करते हैं। मुझे जब भी कभी सैनिटरी नैपकिन के प्रचार के लिए कोई ऑफर आता भी है तो मैं साफ इनकार कर देती हूं।’
दिया ने बताया- ‘अब मैंने सैनिटरी नैपकिन की जगह 100 प्रतिशत प्राकृतिक रूप से नष्ट होने वाले बायोडिग्रेडबल नैपकिन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। हमारे देश में सदियों से महिलाएं पीरियड्स के दिनों में कॉटन का उपयोग करती थीं, लेकिन अब नई तकनीक की वजह से ऐसी चीजें आ गई हैं जो पर्यावरण को किसी भी तरह का कोई नुकसान न पहुंचाएं।’ उन्होंने सभी महिलाओं से अपील की कि वो भी अब बायोडिग्रेडबल नैपकिन का ही इस्तेमाल करें।
दिया ने बताया कि वह उन सभी चीजों का इस्तेमाल करना बंद कर चुकी हैं जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। दिया कहती हैं कि ऐसी ही एक अहम चीज है सैनिटरी नैपकिन जो पर्यावरण को तेजी से प्रदूषित कर रही है इसलिए उन्होंने सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। जाहिर है कि दिया मिर्जा का इतना बोल्ड स्टेटमेंट लोगों के लिए एक सबक है। खास तौर से उनके लिए जो मुद्दा बनाने में नहीं चूकते।
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