अमिताभ बच्चन के डूबते करियर को बचाया था उनके पिता की कविता ने

अमिताभ बच्चन के डूबते करियर को बचाया था उनके पिता की कविता ने, अमिताभ बच्चन की एक के बाद एक नौ फिल्में बुरी तरह से बॉक्सऑफिस पर फ्लॉप हो गई थीं। 80 के दशक में अमिताभ बच्चन का करियर डूब रहा था। लगातार फिल्मों के फ्लॉप होने के कारण बिग बी भी काफी हताश हो गए थे।

साल 1980 में रिलीज हुई फिल्म ‘शान’ की असफलता ने उन्हें बुरी तरह से निराश कर दिया था। लेकिन अमिताभ बच्चन के डूबते करियर को किनारा आरके स्टूडियो की होली पार्टी से मिला था।

दरअसल उन्हें आरके की होली का निमंत्रण मिला। गुजरे जमाने में राज कपूर द्वारा आयोजित होने वाली आर के स्टूडियो की होली का न्योता बॉलीवुड के कुछ ही सितारों को मिलता था। ऐसे में जिस भी एक्टर के पास होली का न्योता जाता उसके लिए गर्व की बात होती थी।

‘दीवार’ एक्टर इस होली में शरीक होने के लिए आरके स्टूडियो पहुंचे। इस होली पार्टी में बॉलीवुड के सभी दिग्गज स्टार्स मौजूद थे। पार्टी में बिग बी सभी से अलग-थलग पड़े थे।

अमिताभ बच्चन को अकेला देखकर राजकुमार उनके पास आए और कहा था- ‘आज कुछ धमाल हो जाए, देखो पार्टी में कितने सारे लोग आए हैं। तुम अपना टैलेंट दिखाओ क्या पता इसी से बात बन जाए।’

उसके बाद पहली बार अमिताभ ने अपने पिता के द्वारा लिखा गया रंग बरसे भीगे चुनर वाली गाना अपनी आवाज में गाया। इसी होली पार्टी में डायरेक्टर यश चोपड़ा भी मौजूद थे। यश चोपड़ा को यह गीत इतना ज्यादा भा गया कि उन्होंने बिग बी फिल्म ‘सिलसिला’ का ऑफर दे डाला और इस गाने को भी फिल्म में अमिताभ बच्चन की ही आवाज में रखा।

आरके स्टूडियो की होली पार्टी में नरगिस, वैजयंती माला, हेमा मालिनी, धर्मेन्द्र, दिलीप कुमार, मनोज कुमार, राजेंद्र कुमार, जीतेंद्र, दारा सिंह, राकेश रोशन, प्राण, ज़ीनत अमान, मिथुन, राजेश खन्ना, प्रेमनाथ, अमिताभ, अनिल कपूर, शत्रुघ्न सिन्हा, राखी, रेखा और श्रीदेवी जैसे स्टार्स शामिल होते थे लेकिन देव आनंद इस पार्टी का कभी भी हिस्सा नहीं बने।

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