महाभारत के अर्जुन फिरोज खान जिनका नाम ही काफी है

महाभारत सीरियल से लोगों के दिलों में बस जाने वाले फिरोज खान..माफ कीजिएगा अर्जुन से कौन परिचित नहीं हैं। फिरोज खान साहब को विकीपीडिया भी अर्जुन के नाम से पहचानता है। तो आप समझ सकते हैं कि उन्होंने अपने किरदार को किस तरह से जिया होगा कि गूगल भी अर्जुन नाम सर्च करने पर उनकी तस्वीरें पहले दिखाता है। गॉसिपगंज ने अर्जुन जी से खास बात की…

मधुरेंद्र पाण्डे – फिरोज खान साहब आपका बहुत बहुत स्वागत है। आपकी महाभारत के तो सब मुरीद हैं। लोगों जेहन में आपने अर्जुन की जो छाप छोड़ी है वैसी शायद ही कोई छोड़ पाया हो। कैसा लगता जब लोग आपको अर्जुन के नाम से बुलाते हैं।

फिरोज खान – सच कहूं तो जब कोई फिरोज खान कह कर बुलाता तो अजीब लगता है लेकिन जब अर्जुन कह कर बुलाता है तो मैं तुरंत देखता हूं कि किसने बुलाया। अर्जुन का किरदार मुझ में रच बस गया है। आप यकीन नहीं करेंगे मेरी मां भी मुझे अर्जुन के नाम से बुलाती है। अर्जुन के किरदार के लिए 23 हज़ार लोगों में मेरा सेलेक्शन हुआ था तो जाहिर है कि ये सब ऊपर वाले की मेहरबानी है।

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मधुरेंद्र पाण्डे –  महाभारत के अर्जुन के किरदार के बाद आपको ऐसे किरदार तो बहुत मिले होंगें। लेकिन आपके सामने तो मुश्किल रही होगी क्योंकि जो किरदार आपने निभा दिया था उसके आगे दूसरे किरदार करने से तुलना शुरु हो जाती है। सबसे पहली तुलना करने वाले हम स्वयं ही होते हैं खुद की।

फिरोज खान – हां ऑफर तो बहुत आए लेकिन मैंने किए नहीं आप खुद सोचिए आप जाफरानी पुलाव खाने के बाद सादा चावल खाना पसंद करेंगे। नहीं तो फिर मेरे लिए अर्जुन का किरदार बिल्कुल वैसा ही था।

मधुरेंद्र पाण्डे –  इसके बाद आप बहुत सारी फिल्मों में नज़र आए। बेहतरीन फिल्में रही और लगभग सारे बड़े अभिनेताओं के साथ आपने काम किया। कैसा लगता है जब आप पीछे मुड़ कर देखते हैं।

फिरोज खान – ये सच है कि मैंने अबतक 265 फिल्मों में काम किया है। ये भी सच है कि मैंने इंडस्ट्री के लगभग सभी बड़े कलाकारों के साथ काम किया है। मुझे बेहतर लगता है कि मैंने उनसे कुछ सीखा है। क्योंकि सीखना तो कभी बंद नहीं होता बल्कि इससे मुझे आत्म संतुष्टि मिलती है।

अगर बात की जाए तो मैंने दिलीप कुमार साहब, अमिताभ बच्चन जी, महेश भट्ट, विनोद खन्ना साहब, संजय खान जी, देवानंद साहब, राजकुमार जी , धर्मेंद्र जी के साथ सबके साथ काम किया है। अजय देवगन के साथ जिगर की। मिथुन दा के साथ तो मैंने करीब 25-26 फिल्में की हैं। सबके साथ बहुत मज़ा आया। मेरी फिल्म मेंहदी नेशनल अवार्ड के लिए भी नॉमिनेट हो चुकी है। मेरा सौभाग्य है कि मैंने इन लोगों के साथ काम किया है।

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मधुरेंद्र पाण्डे – अपने ज्यादातर विलेन का किरदार निभाया है। कभी हीरो के लिए कोशिश नहीं की।

फिरोज खान – ऐसा नहीं हैं कि मैंने बतौर हीरो फिल्म नहीं की है लेकिन मुझे मज़ा सिर्फ विलेन के किरदार में आता है। इसीलिए मैं विलेन का किरदार ज्यादा करता था।

मधुरेंद्र पाण्डे – महाभारत में अर्जुन का किरदार फिर उसके ठीक उलट फिल्मों में आपने विलेन का किरदार निभाया। ट्रांसफॉरमेशन कैसे कर लेते हैं आप इतनी आसानी से।

फिरोज खान – पानी का रंग कैसा होता है। कुछ भी नहीं। वो जिसके साथ मिल जाता है उसी रंग का हो जाता है। मेरे साथ भी ऐसा ही है। जो किरदार मिला मैं उसमें रम गया और बस काम चलता गया।

मधुरेंद्र पाण्डे – कोई ऐसी बात जो फिल्म इंडस्ट्री की जो आप को अब भी याद हो।

फिरोज खान – जी फिल्म सड़क जिसमें सदाशिव अमरापुरकर जी ने महारानी का किरदार निभाया था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने अपने किरदार को मेरे महाभारत में वृहन्नला के किरदार से प्रेरित हो कर निभाया था। आपको याद होगा कि महाभारत में एक बार अर्जुन को किन्नर बन कर रहना पड़ा था। उस किरदार का नाम वृहन्नला था। इसके अलावा के सी बोकाड़िया साहब को आज का अर्जुन फिल्म का टाइटल नहीं सूझ रहा था तो अमिताभ बच्चन जी ने मेरे अर्जुन नाम पर ही कहा था कि आज का अर्जुन रख लीजिए और फिल्म का टाइटल फाइनल हो गया।

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मधुरेंद्र पाण्डे – वैसे ये हिन्दुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब ही है कि आपको लोग अर्जुन की तरह ना सिर्फ मानते हैं बल्कि आपको भी अर्जुन नाम से बुलाए जाने पर खुशी महसूस होती है।

फिरोज खान – बेशक हिन्दुस्तान की जान है इसकी गंगा जमुनी तहजीब। मेरा मानना है जो भी विवाद है वो नहीं होना चाहिए। हम पहले हिन्दुस्तानी हैं। हिन्दुस्तानी की तरह ही रहना चाहिए। राम मंदिर का फैसला हो गया तो हो गया वो सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। कोर्ट का आदर सबको करना चाहिए।

मैं तो मोदी जी की सरकार का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने ट्रिपल तलाक का मसला हल करने ना जाने कितने मांओं और बहनों की दुआएं ली हैं। इसके बाद धारा 370 खत्म करके भी उन्होंने एक ही मुल्क में रहने वाले भाई बहनों के साथ न्याय किया है। सब बराबर हैं। ना कोई छोटा ना कोई बड़ा।

मधुरेंद्र पाण्डे – वैसे राजनीति पर बहुत कम अभिनेता बोलते हैं।

फिरोज खान – देखिए मैं अर्जुन हूं मुझे सच को सच कहने की आदत है। मैं गलतफहमियों में नहीं जीता इसीलिए कभी कभी मेरी बात तल्ख लगती है। देश का हर नागरिक एक-दूसरे से प्यार करता है, लेकिन कुछ राजनीतिक इंसान अपनी कुर्सी के लिए धर्म के नाम पर उन्माद फैलाते हैं। भाई को भाई से लड़वाते है, यह गलत है।

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मधुरेंद्र पाण्डे – चलते चलते एक सवाल और अभी आप किन फिल्मों में काम कर रहे हैं।

फिरोज खान – मेरी एक फिल्म है अभिषेक बच्चन के साथ ब्लैक लिस्ट। इस फिल्म में टॉम क्रूज भी हैं। उसके बाद एक फिल्म है द हिन्दू जो मैं सलमान खान के साथ कर रहा हूं और फिर अजय देवगन के साथ एक फिल्म है रवानगी। रवानगी पर अभी काम चल रहा है।

मधुरेंद्र पाण्डे – आप से बात करके वक्त कैसे बीत गया पता ही नहीं चला। बहुत खुशी हुई आपने बात करके। कोशिश करूंगा कि जल्द ही आप से फिर बातें हों।

फिरोज खान – मुझे भी बहुत अच्छा लगा।

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