अनीता गुहा, जिसे देवी की तरह पूजते थे उनके फैन्स
अनीता गुहा, जिन्हें उनके फैन्सदेवी की तरह पूजते थे, फिल्म इंडस्ट्री में एक दौर था जब देवी-देवताओं पर आधारित फिल्में खूब बना करती थीं। ‘रामायण‘ और ‘महाभारत’ के अलावा भी कई देवी-देवताओं पर फिल्में बनीं। 70 के दशक में ये फिल्में काफी हिट भी हुआ करती थीं। इन्हीं में से 1975 में एक फिल्म आई थी ‘जय संतोषी मां‘।
अनीता ने इससे पहले एक-दो माइथोलॉजिकल फिल्में की थीं। लेकिन इस 20 मिनट के रोल ने उन्हें सच में देवी का दर्जा दे दिया था। अनीता ने अपने करियर की शुरुआत 15 साल की उम्र में की थी। अनीता गुहा मिस कोलकाता रह चुकी थीं। इसके बाद वो मुंबई में एक टैलेंट शो में हिस्सा लेने के लिए आईं।
यहीं से उनकी बॉलीवुड में एंट्री हुई। अनीता ने एक बंगाली फिल्म ‘बान्शे।र केला’ से अपना डेब्यू किया। इसके बाद उन्होंने ‘छूमंतर’ फिल्म में काम किया। अनीता फिल्म की साइड हीरोइन थीं। धीरे-धीरे अनीता का करियर रफ्तार पकड़ने लगा। हालांकि अनीता को हिंदी नहीं आती थीं।
अनीता ने जल्द से जल्द हिंदी सीखी। जब अनीता ने फिल्मों में काम करना शुरू किया था उस समय माइथोलॉजिकल फिल्मों की बयार चल रही थी। अनीता को भी ऐसी कई फिल्मों में काम करने का मौका मिला। इनमें सम्राट पृथ्वी राज चौहान, टीपू सुल्तान, संगीत सम्राट तानसेन, महारानी पद्मिनी और संत तुकाराम पॉपुलर फिल्में थीं।
‘संतोषी मां’ का किरदार एक्ट्रेस अनीता गुहा ने निभाया था। अनीता का फिल्म में सिर्फ 15-20 मिनट का रोल था। अनीता ने कभी नहीं सोचा था कि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर चलेगी। लेकिन इस फिल्म ने रिकॉर्ड तोड़ कमाई की थी। इस एक फिल्म से अनीता रातो-रात स्टार बन गई थीं।
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