आरके स्टूडियो के लोगो की कहानी रूस के एक शख्स से जुड़ी है!
आरके स्टूडियो के लोगो की कहानी रूस के एक शख्स से जुड़ी है! राज कपूर के चाहने वाले पूरी दुनिया में थे। खासतौर से रूस में तो राज कपूर के गाने लोग खूब गाते थे। स्टूडियो के बैनर तले बनी फिल्में बरसात और आवारा के गाने रूस में लोगों द्वारा गुनगुनाए जाते थे।
1949 में राज कपूर ने फिल्म बरसात के साथ सफलता हासिल की थी। इस फिल्म के एक पोस्टर में राज कपूर और नरगिस को साथ देखा जा सकता है। इस तस्वीर में राज कपूर के एक हाथ में नरगिस थी तो दूसरे हाथ में वॉयलिन था। ये पोस्टर बेहद लोकप्रिय हुआ था।
जर्मनी के महान कंपोज़र और वॉयनलिस्ट बीथोवन ने वॉयलिन का म्यूज़िक पीस लिखा था। ये बेहद त्रासदी भरी ट्यून थी। इस ट्यून को सुनने के बाद रूस के महान लेखक लियो टॉलस्टॉय काफी प्रभावित हुए थे और उन्होंने एक छोटी सी नॉवेल लिख डाली थी। ये एक बेहद इन्टेन्स प्रेम कहानी थी।
इस प्रेम कहानी में एक वॉयनिलस्ट है और वो एक महिला से बेहद प्यार करता है लेकिन ये महिला इस वॉयनिल्सट की व्यथा और उसका प्यार सुनने के लिए उसके लिए वक्त नहीं निकालती। इसके बाद परेशान होकर ये शख़्स इस महिला को मार देता है।
हालांकि टॉलस्टॉय की इस कहानी को रूस में बैन कर दिया गया लेकिन इस कहानी को पूरी दुनिया में पढ़ा गया। 19वीं शताब्दी में फ्रांस के एक आर्टिस्ट ने लियो की दर्दनाक कहानी सुनी और उन्होंने वॉयलिनिस्ट और महिला की तस्वीर बना डाली। खास बात ये है कि बीथोवन की धुन, लियो टॉलस्टॉय की किताब और फ्रांस के आर्टिस्ट की पेन्टिन्ग सबका नाम एक ही था – Kreutzer Sonata.
माना जाता है कि राज कपूर ने इस पेन्टिन्ग को देखा था और उन्होंने कुछ इसी तरह का प्रयोग बरसात के पोस्टर के साथ किया था। बाद में राज कपूर ने नरगिस को आरके स्टूडियो के लोगो के सहारे नरगिस को अमर करने का फैसला किया था।
दरअसल आरके स्टूडियो का लोगो भी काफी हद तक बरसात के फेमस पोस्टर की तरह ही दिखाई देता है। नरगिस और राज कपूर ने साथ में 15 फिल्में की थी, शायद यही कारण है कि आरके स्टूडियो के लोगो में नरगिस जगह बना पाईं।
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