अमिताभ बच्चन का नाम इंकलाब से बदलकर अमिताभ क्यों किया गया!

अमिताभ बच्चन जिनका जन्म बेहद ही साधारण परिवार में हुआ और उनका नाम इंकलाब रखा गया परंतु बाद में उनका नाम परिवर्ति कर अमिताभ रखा गया जिसका अर्थ है ऐसा प्रकाश जो कभी ना बुझे।

जिस तरह प्रकाश की पहली किरण को अपना अस्तित्व स्थापित करने के लिए घनघोर अंधेरे का सामना करना पढ़ता है असी तरह से अमिताभ बच्चन भी जीवन में शुरु से ही हर एक कदम पर चुनौतियों को मात दे आगे बढ़ते रहे।

युवावस्था में बिग बी भारतीय वायु सेना में भी शामिल होकर देश को अपनी सेवाए देने का स्वप्न देखा करते थे, साथ ही कहा जाता है कि कभी कभार वह खुद को कमरे में बंद कर गानें व अभिनय का भी अभ्यास किया करते थे।

वायु सेना में शामिल होनें के सपनेको साथ लिए उन्होनें दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में दाखिला लिया और वहा से उन्होनें विज्ञान में स्नातक की शिक्षा भी प्राप्त की । परंतु वायु सेना की उड़ान भरनें में उनहे अपनी किस्मत का साथ नही मिला, शायद नियती को कुछ और ही मंजूर था। पर एंग्री यंग मैन रुकने वालों में से कहा थे, उन्होनें अपनी मां की सलाह मान अभिनय में अपना करियर बनानेकी ठानी ।

अमिताभ बच्चन और मुसीबतों का आपस में इस  तरह रिश्ता था जैसे एक प्रेमिका का उसके महबूब के साथ होता है। उनकी आवाज़ में मध्यमता और स्नायु विकार ( माइस्थियाना ग्रेविस ) जैसी बीमारी उनके एक्टिंग करियर के लिए बड़ी चुनौती थी।

कमज़ोर मांस-पेशियों और दर्द से परेशान व्यक्ति आखिरकार एक हीरो का रोल कैसे अदा कर सकता था, उनकी आवाज़ में मध्यमता की वज़ह से ऑल इंडिया रेडियो द्वारा उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया।उन्होनें कई निर्माताओ के दरवाजें भी खटखटाए पर हर जगह उनको ना सुनने को मिला एवं मुम्बई जैसे शहर में अधिक दिनों तक रुक पाना उनके लिए कठिन हो चुका था।

परंतु कहते है न कि हर डूबते को तिनके का सहारा मिल ही जाता है, उसी तरह अमिताभ बच्चन को भी उनके संधर्ष के समय महमूद का साथ मिला, जिन्होनें बीग बी को रहनें के लिए अपने घर पर आसरा दिया।

कुछ ही समय पश्चात आखिरकार अमिताभ बच्चन के फिल्मी करियर की शुरुआत अहमद अब्बास के निर्देशन में बनी “सात हिंदुस्तानी“ के सात कलाकारों में से एक कलाकार के रुप में हुई। इस फिल्म के लिए सीनियर बच्चन ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ नवागंतुक का पुरुस्कार जीता, इसके बाद बच्चन नें एक सुपर हिट फिल्म आनंद में काम किया… लेकिन कठिनाईयां तो जैसे अमिताभ बच्चन को गले लगानें के लिए फिर से ललायित खड़ी थीं।

इस बार उन्हे उनकी ही फ्लॉप फिल्मों का सामना करना था वो भी एक दो नही बल्कि 12 फ्लॉप फिल्मों का ।परंतु बिग बी के बुलंद हौसले के सामने फ्लौप फिल्म की चुनौतियों ने भी घुटनें टेक दिए,एवं उन्होनें जंजीर फिल्म में एंग्री यंग मैन की भूमिका अदा कर बॉलिवुड में एक्शन हीरो के रुप में खुद को स्थापित किया। उस फिल्म से ही धीरे धीरे उनका करियर आसमान की बुलंदियों को छुनें लगा। उन्होनें ना सिर्फ दुनिया को बल्कि खुद को भी यह बताया कि इंसान का नसीब खुदा नही बल्कि इंसान खुद लिखता है।

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