आशा भोंसले जिन्होंने बॉलीवुड में गायकी को एक नई मंज़िल दी
जन्मदिन विशेष
आशा भोंसले का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 8 सितंबर 1933 को मशहूर थिअटर आर्टिस्ट और नाट्य संगीत के संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के यहां हुआ। संगीतकार के परिवार से होने के कारण आशा भोंसले और उनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर का शुरू से ही संगीत की ओर रुझान रहा। वह अपने पिता से ज्यादा सीख पातीं इससे पहले ही महज 41 साल की उम्र में दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया।
मंगेशकर परिवार मुंबई आकर बस गया, जहां से आशा भोंसले और लता मंगेशकर का गायिका बनने का सफर शुरू हुआ। आशा भोंसले ने करियर का पहला गाना एक मराठी फिल्म के लिए साल 1943 में गाया था।
बॉलीवुड में उनका पहला गाना साल 1948 में आई फिल्म ‘चुनरिया’ के लिए था। आशा भोंसले को उनके गानों के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। उन्हें दो बार नैशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. साथ ही उन्होंने आठ बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता।
आशा जी ने जीवन का सबसे पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड 1968 फिल्म ‘दस लाख’ के गीत ‘गरीबों की सुनो’ के लिए जीता था। इस गीत को बबीता और संजय खान पर फिल्माया गया था। आशा जी के साथ ही गीत में मोहम्मद रफी की आवाज थी।
साल 1969 में आशा भोंसले ने लगातार दूसरी बार फिल्मफेयर का बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड अपने नाम किया। उन्हें यह पुरस्कार फिल्म ‘शिखर’ के गीत ‘पर्दे में रहने दो’ के लिए मिला था। आशा ने जिस तरह म्यूजिक के साथ नई तरह से गीत गाए उसने बॉलीवुड में सिंगिंग को नई दिशा दी।
आशा जी बॉलीवुड में पैर जमा चुकी थीं और उनकी आवाज का जादू ऐसा छाया कि उन्हें गायिका के तौर पर लेने की फिल्ममेकर्स और संगीतकारों के बीच में होड़ लग गई। साल 1981 में जब फिल्म ‘उमराव जान’ बनाई गई तो रेखा के किरदार के गीतों पर आवाज आशा भोंसले की ही रही।
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