मनोज पंडित | भोजपुरी सिनेमा का नायाब सितारा

पेंटर से अभिनेता के सफर पर खास बातचीत

मनोज पंडित भोजपुरी फिल्मों का एक जाना पहचाना नाम है। बहुत कम लोग जानते हैं कि मनोज पंडित एक अच्छे कैरिकेचर आर्टिस्ट रहे हैं और शुरुआती दौर में उन्होंने कई अखबारों के लिए कार्टून्स बनाए हैं। मनोज पंडित से गॉसिप गंज के एडिटर मधुरेंद्र पाण्डे ने बात की कि कैसे एक कार्टूनिस्ट से एक्टर तक का उनका सफर रहा।

मधुरेंद्र पाण्डे – मनोज जी स्वागत है आपका। पहले तो ये बताइये कि आखिर आप अखबारों में कार्टून बनाते बनाते एक्टिंग में कैसे आ गए।

मनोज पंडित – देखिए मैंने पटना आर्ट्स कॉलेज से बीएफए किया। चूंकि चित्रकला में रूझान था सो उसी को अपना पेशा बना लिया। हरियाणा में गवर्नमेंट जॉब भी करता था। लेकिन चित्रकारी की दुनिया ऐसी होती है कि आप बगैर कूचीं उठाए रह नहीं सकते।

आज भी मैं अपनी फिल्मों के पोस्टर खुद बनाता हूं। खैर जॉब में बहुत सेटिस्फेक्शन नहीं लगा तो एनिमेशन की टीचिंग करने लगा। ऐरीना मल्टीमीडिया में मैं बच्चों को पढ़ाने लगा। करीब साढ़े चार साल वहां पढ़ाने के बाद दूसरी जगहों पर भी पार्ट टाइम यही काम करता रहा।

मधुरेंद्र पाण्डे – वो तो ठीक है लेकिन एक्टिंग में आप कैसे आए।

मनोज पंडित – धीरे धीरे आपको सब बताता हूं। दरअसल हमें संजीव बेदवान जी मिले। वो राइटर डायरेक्टर भी हैं। उन्होंने एनीटून्स आर्ट कॉलेज की फ्रेंचाइजी ले रखी थी। मैं उनके साथ जुड़ गया। उसमें एक क्लास एक्टिंग की भी होती है। मैं क्लास ले रहा था। ये साल 2015 की बात है। क्लास के दौरान कमलेश सिंह के मित्र अखिलेश पांडे जी आए और उन्होंने कहा कि एक फिल्म लव और राजनीति है, टीचर का रोल है, करोगे। मैंने हां कर दी। लेकिन बाद में मेरी एक्टिंग देखकर मुझे लीड रोल दे दिया गया।

फिल्म मैंने अंजना सिंह के पिता का रोल निभाया है। इस फिल्म में मेरे साथ रवि किशन जी भी हैं। इस फिल्म को दुबई में एवॉर्ड भी मिला था। उसका एक गाना बहुत पॉपुलर हुआ था धन धन करते। उसके बाद टर्निंग प्वाइंट मिल गया। बड़े स्टार्स के साथ काम किया था।

रवि किशन के साथ काम करने का अनुभव काफी बेहतर था। आपको बताएंगे कि जीवन का जब पहला शॉट दिया तो रवि किशन जी 20 बार गले लगे और उन्होंने मुझे एप्रिशियेट किया। तब मैंने एनीटून्स को रिज़ाइन कर दिया और फिल्मों में सक्रिय हो गया।

मधुरेंद्र पाण्डे – इसके बाद का सफर आपका कैसा रहा।

मनोज पंडित – इस फिल्म के दौरान ही कई फिल्मों का ऑफर आया। दो हिन्दी फिल्में भी रिलीज़ हुईं। डियर वर्सेज़ बियर ये मेरी पहली हिन्दी फिल्म थी। उसके बाद लव इज़ फॉरइवर आई। इस फिल्म में हंस राज हंस जी का गाना था।

इन दोनों फिल्मों के बाद एक भोजपुरी फिल्म मोनालिसा के साथ की फिल्म का नाम था दरोगा चले ससुराल। खास बात ये कि लव इज़ फॉरइवर और दरोगा चले ससुराल दोनों फिल्में एक ही दिन रिलीज़ हुई थी।

मधुरेंद्र पाण्डे – आपने जैसा बताया कि आपकी पहली फिल्म थी लव और राजनीति। वो कब रिलीज़ हुई।

मनोज पंडित – वो भले मेरी पहली फिल्म थी लेकिन वो इन तीनों फिल्मों के बाद रिलीज़ हुई। इसके अलावा नीयत, डिलीट फॉरइवर, पब्लिक द पॉवरफुल मैन भी की। आपको बताऊं कि पब्लिक द बॉवर फुल का प्रोडक्शन मेरी पत्नी अनीता पंडित जी देख रही हैं।

फिल्म 90 प्रतिशत शूट हो चुकी है। इसमें टिंकू जिया का किरदार निभा रहे हैं। इसके अलावा प्यार बनाम खाप पंचायत जल्द ही रिलीज होने वाली है। इसमें मेरा एक मजबूर बाप का किरदार है जो अपनी बेटी का हत्या होते देखता है। इस फिल्म में मेरे साथ मनोज बख्शी जी हैं।

मधुरेंद्र पाण्डे – इसके अलावा आपकी कोई फिल्म जो आने वाली हो।

मनोज पंडित – प्रतिघात फिल्म है। इस फिल्म के प्रोड्यूसर ने जब मेरी फिल्म लव और राजनीति देखी मनोज पंडितथी तब उन्होंने मेरे लिए इसकी स्क्रिप्ट लिखी। फिल्म रिलीज़ होने वाली है और सबसे बड़ी बात पूरी फिल्म महज 12 दिन में शूट हुई है। इसमें मेरा मुख्य विलेन का किरदार है। इस फिल्म की स्क्रीनिंग औरंगाबाद में हुई है। इस फिल्म ने रिलीज़ होने से पहले 5 अवॉर्ड ले लिया। बेस्ट म्यूज़िक, बेस्ट सिंगर मेल और फीमेल, बेस्ट लिरिक्स, और बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड।

मनोज पंडित

इसी फिल्म फेस्टिवल में अनीता क्रिएशन्स को भी विशेष सम्मान दिया गया। अनीता पंडित जी बच्चों के लिए बहुत काम करती हैं। उनका मानना है कि साल में एक बार गरीब बच्चों के साथ रहो। उनके बीच खुशियां बांटिए उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित करें।

अनीता जी उन्हें स्टेशनरी का सामान मुफ्त बांटती हैं। इसके अलावा ऐसे बच्चों के लिए डांस इवेंट और सिंगिग इवेंट भी करवाती रहती हैं। फिल्मों एक और है दगाबाज़ प्रीतिया, इसमें ज़मीदार का नौकर बना हूं।

मधुरेंद्र पाण्डे – ये तो आपके फिल्मोँ के एक्टिंग सफर की बात हुई। इसके अलावा आपने कोई सीरियल वगैरह भी किया है।

मनोज पंडित – बचपन से मुझे अभिनय का शौक था। कई सीरियल्स में काम किया। दिल्ली दूरदर्शन के लिए कई सीरियल्स किए। डीडी मेट्रो पर आता था खिलाड़ी ना से एक सीरियल इसके अलावा जीपुरबिया पर धत्त तेरे की आता था।

आखिरी सीरियल मेरा डीडी उर्दू पर गोसाय हाफियत था और इससे मैं काफी लोकप्रिय हो गया। इसके अलावा अंजन टीवी के लिए काम किया था। कई एड फिल्मों में काम किया।

मधुरेंद्र पाण्डे – आप पेंटिंग का छोड़कर एक्टिंग में आए। क्या आप इच्छा नहीं होती वापस उसी फील्ड में जाने की।

मनोज पंडित – देखिए जब मैं पेटिंग करता था लोग कहते थे कि आप महंगी पेंटिग क्यों नहीं करते हैं। मैं कहता था कि क्रिएशन का कोई मूल्य नहीं है। हमारी सोच है कि हमारे विचार हर घर में जाने चाहिए। भले ही उसके पास करोड़ों रूपये ना हों। मैं पोस्टर की कीमत पर पेंटिग मुहैया कराता था। जाहिर है कि पैशन तो मेरा आज भी पेंटिंग हैं और उसे करता रहता हूं।

मधुरेंद्र पाण्डे – अभिनय को आप किस तरह से देखते हैं।

मनोज पंडित – अभिनय मेरी जिंदगी के लिए सांस का तरह है। हर वक्त मैं अभिनय करता रहता हूं। हर वक्त मैं अभिनय में डूबा रहता हूं। ज़रूरी नहीं कि कैमरा सामने हो। अभी मन की कचोट नाम की एक भोजपुरी फिल्म की शूटिंग चल रही है। दिल्ली में मेरे पास दो फिल्में हैं। रक्सौल, बीरपुर में उन दोनों फिल्मों की शूटिंग करनी है।

मधुरेंद्र पाण्डे – मुंबई जाने की इच्छा नहीं होती। क्योंकि अभिनय का गढ़ तो वही है।

मनोज पंडित – मुंबई में काम करने के तमन्ना है। लेकिन इधर ही काफी व्यस्तता रहती है। हमारा सोशल आर्गनाइजेशन भी है। जिसके ज़रिए हम प्रतिभावान बच्चों को मौका देते हैं। मेरी पत्नी अनीता पंडित वहां काम करती हैं जहां मैं सक्रिय रहता हूं। मेरी सोच निरंतर चलते रहने की है। पानी को रोकना नहीं चाहिए नहीं तो सड़ांध आ जाएगी।

मधुरेंद्र पाण्डे – आप काफी ज़मीन से जुड़े हुए हैं। आपसे बात करने का अनुभव शानदार रहा।

मनोज पंडित – मुझे अच्छा लगा। इतने विस्तार अपनी बातें रखने का मौका मिला। धन्यवाद।

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