रितिक रोशन वक्त के साथ संभलते चले गए

रितिक रोशन का 46 वां जन्मदिन है। पिछले दो साल से वे खराब सेहत, चोटों से लगातार जूझ रहे हैं और उनके प्राेफेशनल कमिटमेंट भी प्रभावित हो रहे हैं बावजूद उनकी पूरी कोशिश रहती है कि इन सब विषमताओं का उनके प्रदर्शन पर असर ना पड़े। बैंग-बैंग फिल्‍म की शूटिंग के दौरान ब्रेन सर्जरी व उसी समय पत्‍नी सुजैन से तलाक की घटनाएं मानसिक व शारीरिक रूप से तोड़ देने के लिए काफी थी लेकिन रितिक ने हमेशा की तरह अदम्‍य संकल्‍प शक्ति का परिचय देते हुए शो बिजनेस में अपने पैर जमाए रखे हैं। हर जन्मदिन के साथ रितिक मज़बूत होते जा रहे हैं।

आज उनके जन्‍मदिन पर आइये हम जानते हैं कि रितिक रोशन क्‍यों हिंदी सिनेमा में एक मौलिक एवं महत्‍वूपर्ण स्‍थान रखते हैं।उनसे पहले व उनके बाद। यह वाक्य अतिश्योक्तिपूर्ण इसलिए नहीं है क्योंकि इसके बाद आने वाले नायकों को कई क्षेत्रों में निष्णात होकर आना जरूरी हो गया। जब उनका आगमन हुआ तब हिंदी सिनेमा अपने विकृततम रूप में था। पूरे फिल्म उद्योग को मानो एक अदद नायक की सख्त जरूरत थी।

रितिक की मौजूदगी ने इस कमी को पूरा कर दिया। नि:संदेह वे बालीवुड के एकमात्र व सर्वकालिक ऐसे अदाकार हैं जो हर क्षेत्र में परफेक्ट हैं। अपने समकालीन अभिनेताओं से तो आगे ही हैं, सर्वकालिक नायकों से भी कम नहीं पड़ते। एक नायक को जैसा होना चाहिए, वे उसकी आदर्श मिसाल हैं। रितिक रोशन का चेहरा, आवाज, अंदाज, भाव भंगिमा, बाडी लैंग्वेज सब कुछ महान प्रशंसा के योग्य हैं। लाजवाब अभिनय कौशल, बला की खूबसूरती, हाइट, गजब का जिस्म, कातिलाना डांस शैली, डायलाग डिलेवरी ये ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें और दूसरा कोई अभिनेता फिट नहीं बैठता। वे स्वभाव और व्यक्तित्व से रॉयल हैं, राजसी हैं।

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