भगवान दादा का अलबेला डांस जिसकी नकल करके अमिताभ बच्चन सुपरस्टार बने

जन्मदिन विशेष

भगवान दादा पर अक्सर उनके गानों के चलते हास्य अभिनेता के ठप्पा लग जाता है, मगर दादा हिंदी सिनेमा में अपने एक्शन खुद करने वाले शुरुआती लोगों में से एक थे। 1949 तक वो लो बजट स्टंट फिल्में बनाते रहे।

उस दौर के मजदूर तबके में ये फिल्में खूब लोकप्रिय होती थीं। एक एक्टर के तौर पर उनकी काबिलियत का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि पहली फिल्म में कुबड़े का रोल निभाने के बाद उन्हें छः महीने तक काम नहीं मिला था। कारण, लोगों को लगा था ये आदमी सही में कुबड़ा है।

भगवान दादा अपने अभिनय और कॉमेडी के अलावा अलबेले डॉन्स स्टाइल के लिए भी जाने जाते थे। भगवान दादा का अलबेला डांस कितना लोकप्रिय था इसका अंदाजा बस इसी से लगाया जा सकता है कि बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन भी उन्हें कॉपी करते थे।

अपने पांच दशक लम्बे फिल्मी करियर में भगवान दादा ने करीब 600 फिल्मों में अभिनय किया था। उनपर बनी फिल्म ‘एक अलबेला’ रिलीज़ हुई थी। विद्या बालन ने इस फिल्म में गीता बाली का किरदार निभाया था। मराठी ऐक्टर मंगेश देसाई भगवान दादा के किरदार में थे। फिल्म की कितनी चर्चा हुई ये बताने की जरूरत नहीं है। उसी फिल्म से अलबेला के क्लासिक गाने का रिक्रिएशन देख लीजिए।

‘अलबेला’ ने दादा को खूब शोहरत दिलवाई। ‘शोला जो भड़के’ और ‘भोली सूरत दिल के खोटे’ जैसे गानों में किए गए भगवान दादा का अलबेला डांस ,अमिताभ बच्चन, गोविंदा, मिथुन जैसे स्टार फॉलो करते रहे। अलबेला दादा के जीवन में पैसों की बरसात लेकर आई। दादर की दो कमरों की चॉल से जुहू बीच पर 25 कमरों के बंग्ले का सफर दादा ने तय किया। 

ये वो दौर था जब उनके घर के सामने सात लग्जरी कारें खड़ी होती थीं। हफ्ते के हर दिन के लिए अलग। लेकिन उनकी जिंदगी ने एक बार करवट ले ली और उन्हें सब छोड़कर आखिरी वक्त एक छोटी सी कोठरी में गुजारनी पड़ी थी। भगवान दादा ने एक्टिंग के अलावा डायरेक्शन में भी हाथ आजमाया और उन्होंने 1956 में ‘भागम भाग’ फिल्म बनाई थी। भगवान दादा का निधन 4 फरवरी, 2002 को हुआ था।

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