केशवलाल जिसने बॉलीवुड की चकाचौंध देखी तो फाके भी झेले!

फुटपाथ पर गाना गाकर गुज़ारा करता है ये महान संगीतकार

केशवलाल जिसने बॉलीवुड की चकाचौंध देखी तो फाके भी झेले! सोशल मीडिया में एक ऐसे बुजुर्ग सिंगर का वीडियो वायरल है जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि फिल्म पुरानी नागिन में हार्मोनियम बजाने वाला शख्स आज दो वक्त की रोटी के लिए सड़क पर गाना गाने को मजबूर हैं।

केशव लाल का दावा है कि वो लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जैसे बड़े संगीतकारों के साथ काम कर चुके हैं। वो सिंगर हेमंत कुमार के लिए गाना चुके हैं।

लेकिन आज किस्मत उन्हें ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया कि उन्हें पूणे की सड़कों और फुटपाथ पर अपने पत्नी के साथ घूम घूम कर गाना पड़ता है ताकि उनका घर चल सके।

केशवलाल पिछले 32 साल से फुटपाथ पर हार्मोनियम बजाकर अपना और अपनी पत्नी का गुजारा कर रहे हैं। देश के लगभग सभी शहर घुमते हुए वे पुणे पहुंचे।

काफी साल तक फुटपाथ पर ही रहे। सोसायटी में जाकर गाना गाया लेकिन कभी किसी से भीख नहीं मांगी। गाना सुनने वाले जो भी दे देते हैं उसे वो लेते हैं।

केशवलाल ने बताया कि वो जरा भी नही चाहते थे कि,फुटपाथ पर गाना गाये लेकिन किस्मत साथ नहीं दिया। बच्चे शराबी निकले, ऐसे में खुद और बीवी का गुजारा करने के लिए हार्मोनियम लेकर फुटपाथ पर आ गए।

श्रीलंका के कोलंबो में जन्मे केशवलाल के माता-पिता फौज में मनोरंजन का काम करते थे और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब वे भारत पहुंचे तो इस परिवार ने मुंबई में जड़ें जमा लीं।

केशवलाल को शुरू से ही गाने बजाने का शौक था, हारमोनियम कमर में लटकाए वो मुंबई की सड़कों पर काम तलाशने निकल जाया करते थे।

ऐसे ही एक दिन वो मुंबई की फ़िल्मसिटी के पास गा रहे थे, कि फ़िल्मकार वी शांताराम ने उन्हें देखा और कहा “क्या तुम मेरी अगली फ़िल्म के लिए हारमोनियम बजाओगे?”

केशवलाल ने ‘नागिन’ के अलावा कई और फिल्मों के संगीत में भी अपना योगदान दिया, लेकिन उन्हें मुंबई कुछ रास नही आई।

वे कहते हैं, “शादी के बाद मेरी पत्नी की ज़िम्मेदारी मुझ पर आ गई थी और उस समय मुंबई की हालत भी कुछ ठीक नही थी, आए दिन ख़ून ख़राबा और चोरी-चकारी की ख़बर सुनकर मैंने मुंबई छोड़ने का फ़ैसला किया”।

केशवलाल करीब 40 वर्ष की उम्र में पुणे पहुंचे लेकिन पैसे की कमी के कारण उन्हें सड़क पर ही दिन काटने पड़े और गुज़ारा सड़कों पर हारमोनियम बजाकर चल रहा था।

इसी तरह जब वे एक अख़बार के कार्यालय के बाहर हारमोनियम बजा रहे थे तभी एक सज्जन ने उनसे कहा, “आप बहुत अच्छा बजाते हैं, क्या आप हमारे कार्यक्रम में आकर प्रस्तुति देंगे ?”

पुणे के मंगेशकर सभागृह मे हुए एक कार्यक्रम ने जैसे केशवलाल को एक नया जीवनदान दिया। उस कार्यक्रम मे उपस्थित कुछ दर्शकों में से कुछ को जब यह मालूम पड़ा कि केशवलाल के पास रहने के लिए घर तक नहीं है तो उन्होंने घर की व्यवस्था की।

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