चरस के चक्कर में 41 साल बाद कानूनी लफड़े में फंसे रामानंद सागर!

चरस के चक्कर में 41 साल बाद कानूनी लफड़े में फंसे रामानंद सागर!, रामानंद सागर की सुपरहिट फिल्म चरस जो ड्रग की लत पर बनी पहली बॉलीवुड फिल्म थी, अपनी रिलीज़ के 41 साल बाद कानूनी झमेले में फंस गई है। इसके पीछे का कारण यह है कि फिल्म के मुंबई डिस्ट्रिब्यूशन राइट्स बेचने के लिए गारंटी मनी के तौर पर जितनी राशि स्वीकार करने की बात कही गई थी उसमें अनियमितता पाई गई है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि सागर को 13.7 लाख रुपए प्रकाश पिक्चर्स से मिले थे लेकिन उन्होंने सिर्फ 3.9 लाख रुपए का खुलासा किया था। टैक्स अधिकारियों की मानें तो अगर उन्होंने उस पूरी रकम का खुलासा एकसाथ किया होता तो उन्हें उसके बदले में अच्छा-खासा टैक्स भरना पड़ता।

बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एस.सी. धर्माधिकारी और पी.डी. नाइक की डिवीज़न बेंच की ओर से रामानंद सागर के उत्तराधिकारियों को 6 लाख रुपए पेनल्टी भरने के निर्देश दिए गए हैं। टैक्स में इस अनियमितता का पता तब चला जब सागर की कम्पनी की ओर से वित्तीय वर्ष 1976-77 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया गया था और मुंबई में फिल्म के डिस्ट्रिब्यूशन के लिए प्रकाश पिक्चर्स से वसूली गई न्यूनतम गारंटी मनी को कम दिखाया गया था।

सागर को प्रकाश पिक्चर्स की ओर से जो रकम मिली थी उसे उन्होंने तथाकथित रूप से टैक्स की जवाबदेही से बचने के लिए 2 अलग-अलग हिस्सों में बांटकर दिखाया था जबकि प्रकाश पिक्चर्स ने उसी साल फाइल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न में उस पूरी रकम को एकसाथ दिखाया था।

रामानंद सागर के वक़ीलों का कहना है कि उन्होंने पूरी रकम को एकसाथ इसलिए नहीं दिखाया, क्योंकि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि फ़िल्म चलेगी। वकील ने आगे कहा कि वे मानते हैं कि शुरुआत में रामानंद सागर की तरफ से जो टैक्स भरा गया था वह गलत था, लेकिन बाद में जब मूल्यांकन अधिकारी ने पहला नोटिस भेजा था उसके बाद उन्होंने उसे सही कर दिया था।

मनोरंजन की ताज़ातरीन खबरों के लिए Gossipganj के साथ जुड़ें रहें और इस खबर को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें Twitter पर लेटेस्ट अपडेट के लिए फॉलो करें।

You might also like