हेमा मालिनी को क्यों करनी पड़ीं बी ग्रेड फिल्में | जन्मदिन विशेष
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हेमा मालिनी 72साल की हो गई हैं। हेमा मालिनी (Hema Malini) बॉलीवुड की उन अभिनेत्रियों में से हैं, जिनकी खुबसूरती की तारीफ आज भी लोग करते हैं। हेमा मालिनी ने अपने फिल्मी करियर में सिर्फ सुंदरता से ही नहीं बल्कि अपने अभिनय से भी लोगों का दिल जीता।
हेमा मालिनी को हाइस्कूल से मिलने लगे ऑफर
हेमा मालिनी (Hema Malini) दक्षिण भारत से आती हैं, लेकिन उन्होंने बॉलीवुड में जो नाम काम कमाया, वो काबिल ए तारीफ है। हेमा चेन्नई के एक स्कूल में पढ़ती थीं और उन्होंने 10वीं कक्षा में ही उन्हें फिल्मों के ऑफर आने लगे थे। जब वो 11वीं कक्षा में थी तक उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था और कहा जाता है कि उन्होंने 10वीं की परीक्षा भी बाद में पास की थी।
हेमा मालिनी का करियर आसान भी नहीं था
उन्होंने साल 1961 में एक तेलगु फिल्म ‘पांडव वनवासन’ में नर्तकी का किरदार निभाया था। वहीं हेमा ने 1968 में फिल्म ‘सपनों के सौदागर’ से अपने करियर की शुरुआत की, खास बात ये थी कि उस फिल्म में मुख्य किरदार के रूप में राज कपूर थे। भले ही वो हेमा की पहली फिल्म थी, लेकिन उसी दौरान राज कपूर ने कह दिया था कि हेमा एक दिन फिल्म जगत का बहुत बड़ा सितारा बनेंगी और हुआ भी कुछ ऐसा ही।
उसके बाद उन्होंने 1970 में फिल्म ‘जॉनी मेरा नाम’ में काम किया, जो सुपरहिट हुई और हेमा का सफर धीरे-धीरे आसमां की ओर बढ़ने लगा। हेमा ने 1972 में आई फिल्म ‘सीता और गीता’ में डबल रोल निभाया। फिल्म कामयाब रही और हेमा रातोंरात स्टार बन गईं। इस फिल्म ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिलाया। इसके बाद हेमा ने सेकड़ों फिल्मों में काम किया, जिसमें सीता और गीता, शोले, ड्रीमगर्ल, सत्ते पे सत्ता और किनारा जैसी कई फिल्में शामिल हैं।
हेमा मालिनी (Hema Malini) को जब मिलने लगीं बी ग्रेड फिल्में
हेमा मालिनी (Hema Malini) का जब वक्त खराब था तब उनको बी-ग्रेड फिल्मों तक में काम करना पड़ा था। असल में हुआ कुछ यूं कि जब हेमा मालिनी ने अपनी बड़ी बेटी जो जन्म देने के बाद बॉलीवुड में वापसी करने के बारे में सोचा तब बड़े-बड़े फिल्ममेकरों ने उनके साथ काम करने से इंकार कर दिया।
काम कि तलाश में हेमा बड़े-बड़े डायरेक्टरों और प्रोड्यूसरों के चक्कर काट रही थीं लेकिन कहीं काम नहीं मिल रहा था। वो धरम जी को अपनी परेशानी के बारे में बताना नहीं चाह रही थीं। ऐसे में श्याम रलहन ने हेमा मालिनी को अपनी एक बी-ग्रेड फिल्म रामकली में काम करने का ऑफर दिया। बहुत झिझकते हुए हेमा मालिनी ने उस फिल्म को साइन कर लिया।
मजबूरी के इस समय में हेमा मालिनी (Hema Malini) के पास और कोई चारा भी नहीं था। हालांकि फिल्म साइन करते समय हेमा मालिनी ने श्याम रलहन से इतना जरुर कहा था कि इस फिल्म के पोस्टर शहर के बाहर ही लगवायें।
बताया जाता है कि इस फिल्म को करने के बाद हेमा मालिनी (Hema Malini) के पास बी-ग्रेड फिल्मों की लाइन लग गई। रोज ही कोई न कोई फिल्म प्रोड्यूसर अपनी फिल्म को लेकर हेमा मालिनी के घर आने लगा। हेमा मालिनी को यह सब अच्छा नहीं लगता था लेकिन मजबूरी के समय में उन्होंने इन प्रोड्यूसर्स को हां कहना पड़ा।
निर्देशन में भी आजमाया हाथ
उन्होंने निर्देशन के क्षेत्र में हाथ आजमाया। उन्होंने फिल्म ‘दिल आशना है’ का निर्देशन किया था, जिसमें शाहरुख खान को भी मौका दिया गया था। भले ही दीवाना शाहरुख की पहली फिल्म मानी जाती है, लेकिन शाहरुख को सबसे पहले फिल्म का ऑफर हेमा मालिनी (Hema Malini) ने ही दिल आशना के लिए दिया था।
धर्मेंद्र के इश्क में बन गईं आयशा बी
धर्मेंद्र और हेमा (Hema Malini) एक साथ फिल्मों में काम करते थे और धीरे-धीरे एक दूसरे की तरफ आकर्षित हो गए। हेमा ने अपनी किताब में इसका जिक्र किया है कि पहले हेमा ने कभी भी धर्मेंद्र से शादी करने के बारे में नहीं सोचा था। हालांकि एक दिन ये बात आगे बढ़ी और दोनों ने शादी का फैसला किया।
21 अगस्त 1979 को धर्मेंद्र ने धर्म और नाम परिवर्तन करके हेमा से निकाह कर लिया, ताकि उन्हें अपनी पहली पत्नी प्रकाश कौर को तलाक़ ना देना पड़े। उनके निकाहनामा में लिखा था- दिलावर ख़ान केवल कृष्ण (44 साल) 1,11,000 रुपये मेहर के साथ आयशा बी आर चक्रवर्ती (29 साल) को दो गवाहों की मौजूदगी में अपनी पत्नी स्वीकार करते हैं।
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