निम्रत कौर जिसे मलाई पसंद है और उसके लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं
निम्रत कौर जिसे मलाई पसंद है और उसके लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं , अभिनेता इरफान खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी स्टारर फिल्म ‘लंचबॉक्स’ से सुर्खियों में आईं अभिनेत्री निम्रत कौर इन दिनों बालाजी प्रॉडक्शन की वेब सीरीज ‘द टेस्ट केस’ में एकलौती महिला कमांडर का किरदार निभा रही है जो पुरुष प्रधान आर्मी कैडर में अपने आप को साबित करने की कोशिश करती है। निम्रत कौर बताती हैं कि कमांडर के किरदार के लिए उन्हें अपनी त्वचा, चेहरे और शरीर की परवाह किए बिना बेहद कड़ी कमांडो ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा।
निम्रत कौर कहती हैं, ‘इस किरदार को निभाना शारीरिक रूप से बहुत ज्यादा चैलेंजिंग था। कमांडो की तैयारी करना वह भी महाराष्ट्र के सतारा में जहां 43 डिग्री के तापमान में कैनवास के बने कमांडो की वर्दी में लगातार कई घंटों तक ऐक्शन सीन की शूटिंग करना बहुत कठिन था।’ बॉलिवुड में शोहरत मिलने पर कई बार कुछ लोग उसे संभाल नहीं पाते हैं। इस पर निम्रत कहती हैं, ‘ग्लैमर, फिल्म और ऐक्टिंग के इस प्रफेशन में खुद को संभालना बहुत जरूरी है। ज्यादा सक्सेस मिलने पर या बार-बार फेल होने पर खुद को संतुलित रखना बहुत जरूरी है। ग्लैमर की इस दुनिया में सबसे ज्यादा जरुरत आत्मविश्वास की होती है।’
‘मैं चालाक बिल्ली हूं। क्रीम और मलाई झपटना आता है मुझे।’
निम्रत कौर आगे कहती हैं, ‘मैंने शुरू से ही सोच लिया था जो काम अच्छा लगेगा वही काम करूंगी। कई बार लोग मुझे कहते हैं 30 सेकंड का एक ऐड ही तो है कर लो…मुझे पसंद नहीं आता तो मैं साफ मना कर देती हूं। मैं जो भी काम करती हूं कभी रिग्रेट नहीं करती हूं। बाद में भले किया गया काम फेल हो या फ्लॉप हो। मैंने जब इस वेब सीरीज का चुनाव किया था तो लगा था कि लोग पूछेंगे कि फिल्म से सीधा एक स्टेप डाउन वेब सीरीज क्यों कर रही हो? यहां पर जवाब देने के लिए मैं शाहरुख खान की फिल्म रईस का डायलॉग का सहारा लूंगी कि ‘कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता’ मैं कभी किसी काम को छोटा नहीं समझती हूं। कोई भी ऐसा प्रॉडक्ट जिसे मैं खुद के साथ जोड़ नहीं पाती मैं उस चीज का ऐड करने से मना कर देती हूं। जैसे की अल्कोहल या ऐसी ही चीजें।’
किसी किरदार को चुनते समय किन बातों का ध्यान रखती है। यह बताते हुए निम्रत कहती हैं, ‘मैं किसी भी किरदार को चुनते समय स्ट्रांग किरदारों के लिए चेज नहीं करती, बल्कि मेरा उद्देश्य यह होता है कि हर बार मुझे नया किरदार करने को मिले। जैसे ‘लंचबॉक्स’ में मेरा किरदार बेहद खामोश है, लेकिन ‘होमलैंड’ में एक निगेटिव भूमिका है, वहीं ‘एयरलिफ्ट’ एक अलग तरह का किरदार है और अब इस वेब सीरीज में इन सब किरदारों से अलग एक कमांडो का रोल निभा रही हूं। मुझे अलग-अलग ह्यूमन शेड्स बहुत ज्यादा इंट्रेस्टिंग लगते हैं।’
मैं अपने किसी भी काम को चुनते समय एक दर्शक बन जाती हूं और दर्शकों के नजरिए से किसी भी किरदार का चुनाव करती हूं। इस तरह से चुनाव करते हुए अब तक तो मेरा विकेट अच्छा ही रहा है, अब आगे न जाने क्या होगा। किसी भी काम को चुनते समय यह भी देखती हूं कि मेरे दिल से कनेक्ट हो रहा है या नहीं। मैं पैसा देखकर कोई काम नहीं करती, फिर चाहे वह कोई शार्ट फिल्म हो, ऐड फिल्म हो, वेब सीरीज हो या फिर कोई फिल्म, मुझे कोई चीज नहीं पसंद आती तो साफ मना कर देती हूं।’
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