जया भादुड़ी के अंदाज़ से परेशान थीं लता, लेकिन बाद में उन्हें समझ आया
जया भादुड़ी के अंदाज़ से परेशान थीं लता, लेकिन बाद में उन्हें समझ आया , भारतीय सिनेमा की उम्र लगभग 104 साल हो गई है, जिसमें से 70 साल सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर ने सिनेमा के साथ बिताए हैं।
लता ने कई पीढ़ी की अदाकाराओं को अपनी आवाज़ दी है, लेकिन उनका मानना है कि इनमें से कुछ ही उनकी आवाज़ के साथ तालमेल बिठा सकीं। जया भादुड़ी उनमें से एक हैं।
ऋषिकेश मुखर्जी की क्लासिक अभिमान में लता ने पिया बिना पिया बिना, तेरे मेरे मिलन की ये रैना और तेरी बिंदिया रे जैसे गानों को आवाज़ दी थी।
इस म्यूज़िकल ड्रामा में जया ने सिंगर का रोल ही निभाया था। फ़िल्म की शूटिंग के दौरान का एक वाकया सुनाते हुए लता बताती हैं- ”गानों की रिकॉर्डिंग के दौरान जया भादुड़ी स्टूडियो में आकर बैठ जाती थीं, और उनको एकटक निहारती रहती थीं।
उनके वहां रहने से मैं असहज होने लगी थी, तब मैंने ऋषिकेश जी से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ये किरदार को समझने के लिए उनकी प्रक्रिया का हिस्सा है।”
लता बताती हैं, ”बाद में मैंने जब फ़िल्म देखी, तो उन्हें लाल बॉर्डर की साड़ी में लाल बिंदी लगाए हुए अपनी तरह कुछ व्यवहार करते हुए देखकर हैरान रह गई, जैसा मैं कभी-कभी अनजाने में करती हूं।” अपनी आवाज़ दी है। लता जया भादुड़ी को बेहतरीन एक्टर मानती हैं।
एक इंटरव्यू में लता ने सिनेमा में अपने सफ़र पर बात करते हुए कहा, कि मीना कुमारी, नर्गिस, मधुबाला और साधना ऐसी एक्ट्रेसेज थीं, जिन पर उनकी आवाज़ पूरी तरह फिट बैठती थी, जबकि बाद की पीढ़ी में माधुरी दीक्षित और काजोल की अदाकारी ने उनकी प्लेबैक सिंगिंग के साथ अच्छा तालमेल बिठाया।
इन एक्ट्रेसेज ने गानों को लिप सिंक करते वक़्त अपने हाव-भाव से महसूस ही नहीं होने दिया कि पर्दे के पीछे किसी और की आवाज़ है। मगर, जिस एक्ट्रेस से ख़ुद लता मंगेशकर सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं, वो हैं जया भादुड़ी यानि जया बच्चन।
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