मोहम्मद रफी साहब की पुण्यतिथि | उनकी अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था

मोहम्मद रफी की अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था, अपनी गायकी से सबके दिल को छू लेने वाले मोहम्मद रफी साहब की आज पुण्यतिथि है। मोहम्मद साहब का जन्म 24 दिसंबर 1924 को हुआ था। अपने जीवन में उन्होंने अपने गानों से लेकर अपनी जीवनशैली तक सभी को प्रभावित किया।

आज भी मोहम्मद साहब अपने गानों के जरिए उनके चाहने वालों के दिलों में जिंदा हैं। आज की नई गायक पीढ़ीं भी उनके गानों से गुण सीखती है और खुद में ढालने की कोशिश करती है। मोहम्मद साहब ने जब इस दुनिया को अलविदा कहा था तब उनकी अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ आया था।

मोहम्मद साहब एक ऐसे शख्स थे, जिन्हें हर वर्ग, हर मजहब का व्यक्ति चाहता था। क्या सिख, क्या मुस्लिम क्या, क्या हिंदू मोहम्मद रफी की अंतिम यात्रा में मोहम्मद साहब को कांधा देने के लिए हर व्यक्ति शामिल हुआ। कब्रिस्तान की बॉन्ड्रीज पर कांच के टुकड़े और शीशे लगे हुए थे। वहीं लोग मोहम्मद साहब की एक झलक पाने को बेताब थे, ऐसे में लोग उन दीवारों पर चढ़ गए।

कांच लगे होने की वजह से लोगों के हाथों से खून बह रहा था। फिर भी लोगों ने हार नहीं मानी और मोहम्मद साहब के अंतिम दर्शन किए। इतना ही नहीं लोग तो उनकी कब्र से अपने घरों को मिट्टी भी ले गए थे। मोहम्मद साहब के निधन पर भारत सरकार द्वारा दो दिन का राष्ट्रीय शोक भी रखा गया था।

उस रोज मुंबई में तेज बारिश जल रही थी। लेकिन मोहम्मद साहब के कदरदानों का प्यार उस तेज बारिश में भी नहीं रुका और उनके अंतिम दर्शनों के लिए फैन्स दूर-दूर से मोहम्मद रफी की अंतिम यात्रा में शरीक होने के लिए आए। उस वक्त वहां उपस्थित लोगों की नम आंखों के साथ उनकी जुबानें भी यह कह रही थीं कि मोहम्मद साहब के जाने का शोक आसमान भी कर रहा है।

इतनी तेज बारिश में भी मोहम्मद साहब के इंतकाल की खबर आग की तरह फैली। यह खबर सुनते ही हर कोई बांद्रा की मस्जिद की तरफ रुख किए हुए था। उस वक्त मोहम्मद साहब के जनाजे में करीब 10,000 से ज्यादा लोग उतरे थे।

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