म्यूज़िक कंपनी HMV के लोगो की हकीकत होश उड़ा देगी
म्यूज़िक कंपनी HMV के ‘हिज़ मास्टर्स वॉयस’ के इन तीन शब्दों के साथ ग्रामोफोन में मुँह लगाए एक कुत्ते को संगीत सुनते हुए आप सबने जरूर देखा होगा। पर क्या आपने कभी इस नुक़्ते पर ग़ौर करने की कोशिश की है कि HMV ने आख़िर यह ‘लोगो’ क्यों बनाया और ऐसा ‘लोगो’ बनाने का मतलब क्या है?
इस सवाल का जब आप जवाब ढूँढने की कोशिश करेंगें, तो आपको यह जान कर हैरत होगी कि HMV के इस ‘लोगो’ के पीछे बहुत बड़ा मतलब छिपा हुआ है! संगीत सुनते हुए इस कुत्ते के तस्वीर के पीछे छिपी हुई है एक बेहद दिलचस्प कहानी!
इस तस्वीर में जो कुत्ता आप देख रहे हैं, वह दरअसल अपने ज़माने के मशहूर गायक उस्ताद अब्दुल क़रीम ख़ाँ का कुत्ता है! इस कुत्ते और संगीत के बीच बेहद दिलचस्प और अज़ीब रिश्ता है और इस रिश्ते की अज़ीब दास्तां है!
उस्ताद अब्दुल करीम ख़ाँ अपने घर में जैसे ही गाने का रियाज़ शुरू करते, यह कुत्ता उनकी आवाज़ की कशिश सुनकर दौड़ा चला आता और तब तक वहाँ से हिलता तक नहीं था, जब तक उस्ताद गाते रहते। कुत्ते को गाने से क्या ऐसा लगाव हो गया था कि वे जब यह गाते, कुत्ता बेहद ख़ामोशी से सुनता रहता।
गाने के अंत तक आते-आते कु्त्ते की आँखों से आँसू डबडबाने लगते। उस्ताद की गायकी को सुनते हुए इस कुत्ते को अनेक लोग देख चुके थे। जिस वज़ह से उस्ताद अब्दुल करीम खाँ के इस कुत्ते की कहानी फैलने लगी। फैलते-फैलते यह दिलचस्प कहानी HMV के मालिकों तक पहुँची।
वे लोग भी इस कुत्ते की संगीत में ऐसी दिलचस्पी देखकर हैरान रह गए! HMV वालों ने उस्ताद अब्दुल करीम खाँ के गाने ‘पिय बिनु आवत न चैन’ का रिकॉर्ड ग्रामोफोन में लगाकर बजाया। जैसे ही गाना शुरू हुआ, कुत्ता दौड़ कर बाहर से घर आ गया और आते ही ग्रामोफोन में मुँह डालकर तन्मयता से सुनने लगा।
फोटोग्राफर कैमरा लेकर बिल्कुल तैयार खड़ा था। उसने इस दिलचस्प अवसर को अपने कैमरे में क़ैद कर लिया और यह फोटो भी बनाया। यही फोटो HMV कंपनी की मशहूर ‘हिज़ मास्टर्स वॉयस’ का मशहूर ‘लोगो’ बना।
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