राज कपूर और नरगिस | अधूरे इश्क की पूरी दास्तान

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राज कपूर और नरगिस ने एक साथ 16 फिल्मों में काम किया था। उस दौर में इन फिल्मों की जितनी चर्चा हुई, उससे कहीं ज्यादा चर्चा दोनों के अफेयर की थी। राज कपूर और नरगिस की पहली मुलाकात का किस्सा भी बेहद दिलचस्प है।

उन दिनों राज कपूर अपनी फिल्म के लिए एक स्टूडियो की तलाश कर रहे थे। उन्हें जानकारी मिली कि नरगिस की मां जद्दन बाई फेमस स्टूडियो में शूटिंग कर रही हैं। राज कपूर जानना चाहते थे कि उस स्टूडियो में किस तरह की सुविधाएं हैं। वे जद्दन बाई से मिलने उनके घर पहुंचे और बेल बजाई।

नरगिस जल्दी में गाल से बेसन छुड़ाना भूल गईं

उस वक्त जद्दन बाई घर पर नहीं थीं। नरगिस ने दरवाजा खोला। वो रसोई से दौड़ती हुई आईं थीं, जहां वो पकौड़े तल रही थीं। इस दौरान गलती से उनके गाल पर भी बेसन लग गया था। राज कपूर को नरगिस की ये मासूमियत भा गई।

1948 में राज कपूर की नरगिस से जब पहली मुलाकात हुई तब वो 20 साल की थीं और तब तक 8 फ़िल्मों में काम भी कर चुकी थीं। जबकि राज कपूर उस वक्त 22 साल के थे और तब तक उन्हें कोई फिल्म बनाने का मौका नहीं मिला था। राज कपूर और नरगिस के इश्क की शुरुआत हो चुकी थी।

नरगिस ने इश्क के लिए गृहमंत्री से भी मांगी थी मदद

दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और फिर ये मोहब्बत में बदल गया। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन मां-बाप कतई तैयार नहीं थे। न तो नरगिस की मां जद्दनबाई को ये रिश्ता मंजूर था और न ही राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर इसके लिए तैयार थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नरगिस ने राजकपूर से शादी के लिए महाराष्ट्र के तत्कालीन गृहमंत्री मोरारजी देसाई से भी मदद मांगी थी। राज कपूर और नरगिस के इश्क में कई दांव पेंच थे।

राज कपूर के लिए नरगिस ने अपने गहने भी बेच डाले

राज कपूर परफेक्शन के लिए मशहूर थे। किसी फिल्म की शूटिंग के दौरान अगर कोई सीन उनको नहीं भाता था तो उसके कई- कई रीटेक होते। हर मुमकिन कोशिश की जाती, ताकि सीन राज कपूर के मन मुताबिक हो। ऐसा ही एक वाकया फिल्म ‘आवारा’ की शूटिंग के दौरान हुआ।

इस फिल्म का पूरा बजट 12 लाख रुपए रखा गया था, लेकिन राज कपूर ने परफेक्शन के चक्कर में एक गाने की शूटिंग पर ही 8 लाख रुपये खर्च कर डाले। बाद में फिल्म ओवर बजट हो गई। तब नरगिस राज कपूर की मदद के लिए आगे आईं और अपने गहने बेचकर उनकी मदद की। यहां तक कि फिल्में हिट करवाने के लिए उन्होंने बिकिनी तक पहनी। राज कपूर और नरगिस की मोहब्बत थी ही ऐसी।

राज कपूर और नरगिस के अलग होने की दास्तां

धीरे-धीरे दोनों के रिश्तों में दरार आने लगी। इसकी कई वजहें थीं। दोनों के अलगाव के पीछे नरगिस के भाई अख्तर हुसैन को भी जिम्मेदार ठहराया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अख्तर हुसैन का कहना था कि राजकपूर लगातार हीरो पर केंद्रित फिल्में बना रहे हैं और नरगिस की अनदेखी की जा रही है।

उन्होंने नरगिस से फीस बढ़ाने को भी कहा। इसी दौरान साल 1954 में दोनों मॉस्को गए। वहां किसी बात पर दोनों के बीच कहासुनी हो गई और नरगिस अकेले भारत लौट आईं।

धीरे-धीरे दोनों के बीच गलतफहमियों की खाई चौड़ी होने लगी। इसी दौरान नरगिस ने साल 1957 में महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया साइन की। इस फिल्म में उनके अपोजिट सुनील दत्त थे। फिल्म की शूटिंग चल रही थी। इसी दौरान एक दिन सेट पर आग लग गई। कहते हैं कि सुनील दत्त ने अपनी जान पर खेलकर इस आग से नरगिस की जान बचाई थी। इसके बाद दोनों करीब आते गए और सालभर ही शादी कर ली। राज कपूर और नरगिस की कहानी का अंत ऐसे ही अचानक हो गया।

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