‘पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन’ जिसे फिल्म की जगह मज़ाक समझा गया
‘पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन’ जिसे फिल्म की जगह मज़ाक समझा गया , सालाजार का बदला एक दस वर्षीय बच्चे हैनरी टार्नर की एक खोज से शुरू होती है, जो अपने पिता को समुद्री अभिशाप से मुक्त करवाना चाहता है। कहानी नौ वर्ष आगे बढ़ती है और ब्रिटिश रॉयल नेवी में शामिल युवा हैनरी टार्नर की मुलाकात सालाजार से होती है, जो हैनरी टार्नर को कैप्टन जैक स्पैरो तक उसका मैसेज पहुंचाने का जिम्मा सौंपता है। आगे जाकर हैनरी टार्नर की मुलाकात शराबी और कंगाल लुटेरे जैक स्पैरो से होती है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि फिल्मक की कहानी खूबसूरत है। मगर, उसको पर्दे पर उतारने में निर्देशक बुरी तरह फेल हुए हैं। कहानी में कसावट की जरूरत थी। फिल्मू को हद से अधिक कॉमिक टच देने की कोशिश की गई। फिल्मश में कहानी भी जैक स्पैनरो नायक के किरदार में नजर नहीं आता। जैक स्पैकरो की हालत मल्लाह के बिना समुद्र में इधर उधर डोलती बेड़ी की तरह है। कभी इस किनारे पर तो कभी उस किनारे पर। सालाजार के किरदार में जेवियर बारदेम थोड़ा सा प्रभावित करते हैं। कैप्ट न बरबोसा के किरदार में जेफ्री रश भी ठीक ठाक लगते हैं।
इसी दौरान हैनरी की मुलाकात करीना स्मिथ से होती है, जिसको ब्रिटिश साम्राज्य डायन घोषित कर देता है और हैनरी पर गद्दार होने का आरोप है। हैनरी और डायन के साथ जैक स्पैरो त्रिशूल की खोज में निकलता है, ताकि सालाजार, जो मुर्दों के समुद्री जहाज का कैप्टन है, से बचा जा सके। क्या हैरनी टार्नर अपने पिता से मिल पाता है या नहीं? क्या कैप्टन सालाजार शराबी और कंगाल कैप्टन जैक स्पैरो से अपना बदला ले लेता है?
सालाजार का बदला एक हल्कीह फुल्कील एक्शतन कॉमेडी फिल्मो है। इस फिल्मए को देखते हुए दिमाग खर्च करने की बिलकुल जरूरत नहीं है। आप केवल फिल्म के साथ ऐसे बहते हुए चलें जैसे जैक स्पै।रो कहानी के साथ। हालांकि, जैक स्पैकरो और दूसरों के वन लाइनर केवल युवाओं को अच्छे लगेंगे।
सालाजार का बदला में समुद्र तो है, लेकिन, समुद्री रोमांच नहीं है। कहानी खूबसूरत होने के बावजूद दिल को नहीं छूती। तंत्र मंत्र, शक्तियां और रहस्य सब कुछ फिल्म निर्देशक जोड़ी के पास था। लेकिन, अच्छे से इस्तेमाल नहीं हुआ। यदि कहानी का नायक शराबी और कंगाल जैक स्पैरो जैसा होगा, तो सालाजार जैसे विलेन को भयानक रूप धारण करने की कोई जरूरत नहीं है। हां, अरशद वारसी को जैक स्पैरो की आवाज देते हुए खूब मजा आया होगा क्योंकि फिल्म के सारे चुटीले वन लाइनर तो जैक स्पैरो के हिस्से आए हैं। करीना, जो तारों को पढ़ना जानती है, का इस्तेमाल फिल्म में केवल और केवल धड़कते और कांपते हुए क्लीवेज दिखाने के लिए किया गया है। ‘पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन’ की पूरी सीरीज़ देखने लायक है। ‘पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन’ एक ऐसी कोशिश है जो मनोरंजन के साथ कौतुहल भी साथ लाती है।
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