बॉलीवुड मेें महिलाओं के लिए अलग नियम कायदे हैं, शर्मिला टैगोर ने कहा
बॉलीवुड मेें महिलाओं के लिए अलग नियम कायदे हैं, शर्मिला टैगोर ने कहा , दिग्गज अभिनेत्री शर्मिला टैगोर को लगता है कि हिंदी सिनेमा की अभिनेत्रियों के लिए अभिनेताओं की तुलना में अलग नियम होते हैं। शर्मिला कहती हैं कि बड़ी उम्र की महिलाओं के लिए बॉलीवुड के अलग कायदे हैं। ये कायदे पुरुष कलाकारों पर नहीं चलते। अमिताभ बच्चन के लिए नियम अलग हैं। उनके पास शुजित सरकार जैसे निर्देशक हैं जो उनके लिए भूमिकाएं लिखते हैं।’
शर्मिला ज़ोर देकर कहती हैं कि अमिताभ जाहिर तौर पर एक दिग्गज कलाकार हैं लेकिन यही नियम अभिनेत्रियों के लिए अलग हैं। मैं मानती हूं रिभु दासगुप्ता की फिल्म टीई3एन कोरियाई फिल्म की रीमेक थी। अमिताभ को समायोजित करने के लिए महिला वाले लीड रोल को पुरुष लीड रोल में बदल दिया गया। हिंदी सिनेमा में महिला कलाकारों के लिए ऐसा कौन करेगा।
वो आगे कहती हैं कि अगर अमिताभ जी वकील का किरदार नहीं निभाते को ‘पिंक’ को कौन देखने जाता। सिनेमा समाज में वास्तविकता को प्रदर्शित करता है और मुझे लगता है कि फिल्मों में वे एक महिला को ऐसी भूमिका नहीं दे सकते, क्योंकि वे सोचते हैं कि इससे वह कहानी के पात्रों की प्रमुख बन जाएगी लेकिन क्षेत्रीय फिल्मों में नियम अलग-अलग होते हैं। उम्रदराज महिला पात्रों को भी प्रमुख भूमिका निभाने का अवसर मिलता है।’
अमिताभ के अलावा उनके साथी अभिनेताओं को भी ऐसी ही स्थिति से गुजरना पड़ा है? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘यह स्वास्थ्य और उम्र के कारण है। राजेश खन्ना, शशि कपूर का निधन हो चुका है। इतनी उम्र होने के बावजूद धर्मेंद्र का प्रभाव कायम है। वह बहुत ही अच्छे इंसान हैं।’ रही बात मेरी तो मैं खुद को एक आकस्मिक अभिनेत्री मानती हूं। मुझे बहुत सारी चीजों में दिलचस्पी है। मैं यूनिसेफ और कई गैर-सरकारी संगठनों के साथ जुड़ी हूं। मैं जिस चीज पर विश्वास करती हूं, उसके लिए मुझे खड़ा होना और उस पर बात करना पसंद है।’
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