शेखर कपूर, जिन्होंने फिलॉसफी को सिनेमा की इंजीनियरिंग में उतार दिया!
शेखर कपूर, जिन्होंने फिलॉसफी को सिनेमा की इंजीनियरिंग में उतार दिया! , शेखर कपूर का जन्मदिन है आज। 6 दिसंबर 1945 को शेखर कपूर का जन्म हुआ था। 72 साल की उम्र में इतनी उर्जा देखकर युवा भी हैरान रह जाते हैं। इनका नाम ज़ुबां पर आते ही आपको फिल्म मेकर की जगह एक दार्शनिक नज़र आता है। इन्होंने मानों जिंदगी के फलसफों को इंजीनियरिंग में ढ़ाल दिया है।
साल 2007 में आई इंग्लिश फीचर फिल्म ‘एलिजाबेथ – द गोल्डन एज’ के आठ साल बाद 2015 में शेखर कपूर फिल्म ‘पानी’ से एक बार फिर फीचर फिल्म्स की दुनिया में लौटने वाले थे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। साल 2010 में कान्स फिल्म फेस्टिवल के दौरान शेखर ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट पर फिल्म बनाने की घोषणा की थी। उसी वक्त उन्होंने फिल्म के नाम पानी की घोषणा की थी। फिल्म के प्री-प्रोडक्शन की तैयारियां भी हो चुकी थीं।
सुशांत सिंह राजपूत को फिल्म के लिए साइन भी कर लिया गया था। सुशांत ने पूरे दो साल तक फिल्म के लिए काफी मेहनत भी की। उन्होंने खुद को अपने रोल में ढालने के लिए पूरी रिसर्च की। इस फिल्म के लिए सुशांत ने संजय लीला भंसाली की राम लीला और अभिषेक कपूर की फितूर को भी ठुकरा दिया, लेकिन फिल्म अब तक नहीं बन पाई है।
शेखर कपूर की इस फिल्म को बनाने की प्लानिंग पिछले कुछ सालों से नहीं बल्कि सन् 1994 से है। उन्होंने इस फिल्म की कहानी को बहुत ही खूबसूरती से सोचा था। रोमियो और जूलियट के इर्द-गिर्द पानी के नाम पर बंटती हुई दुनिया को फिल्म में देखना न सिर्फ हैरान करने वाला होता, बल्कि वो जरूरी संदेश भी देता, जिसकी आज की पीढ़ी को खासी जरूरत है। फिल्म की घोषणा बेशक यश राज बैनर तले सुशांत सिंह राजपूत के साथ हुई।
इसी दरमियां इस फिल्म के बंद होने की खबरें आने लगीं । तब शेखर कपूर ने ट्विट कर कहा कि वो सुशांत के साथ फिल्म पानी नहीं बना पाए हैं। एक इंटरव्यू में वो ये भी कहते सुने गए कि बेशक फिलहाल ये प्रोजेक्ट रुक गया है, लेकिन वो ये फिल्म 2025 में जरूर बनाएंगे।
पानी के अलावा शेखर की एक और फिल्म है, जिस पर बात आगे नहीं बढ़ पाई है। फिल्म का नाम है द नाइन ओ क्लॉक वार। इस फिल्म को शेखर ने ऑस्ट्रेलियन एक्टर और अच्छे दोस्त हेथ लेजर के साथ बनाने की योजना तैयार की थी। लेकिन 2008 में हेथ की मौत के बाद शेखर इस प्रोजेक्ट पर भी आगे काम नहीं कर पाए।
इन दिनों शेखर क्लियोपेट्रा नाम से एक टीवी सीरिज तैयार कर रहे हैं। ये प्राचीन मिस्त्र की रानी क्लियोपेट्रा की कहानी पर आधारित है। 1983 में मासूम के बाद 1987 में बोनी कपूर के लिए शेखर ने मिस्टर इंडिया बनाई थी। इसके बाद उनकी चर्चा हुई फिल्म बैंडिट क्वीन को लेकर, ये हिंदी सिनेमा के इतिहास की कभी ना भुलाई जा सकने वाली फिल्म है।
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