स्मिता पाटिल जिसने इश्क़ को अनहद बना दिया, चुपके से कर ली शादी

स्मिता पाटिल की आज 64वीं बर्थ एनवर्सरी है। 17 अक्टूबर, 1955 को पुणे में जन्मी स्मिता का फिल्मी करियर काफी छोटा रहा, लेकिन इस दौरान उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया।

स्मिता पाटिल अपने जन्म के वक्त हंसती हुई पैदा हुई थी, इस वजह से उसका नाम स्मिता रखा गया था। स्मिता मां-बाप की मंझली संतान थी लेकिन अपनी बहनों से बिल्कुल अलग और मस्त मौला। स्मिता के रंग को देखकर उसके दोस्त उसको काली कहकर चिढ़ाया करते थे, जवाब में स्मिता ए हलकट कहकर निकल जाती थी।

इतना ही नहीं मौत के बाद उनकी तकरीबन 14 फिल्में रिलीज हुई थी। स्मिता ने राज बब्बर से गुपचुप शादी की थी और शादी के पहले वे लिव-इन में भी रही थी। दोनों का एक बेटा है प्रतीक बब्बर।

राज बब्बर से शादी के बाद पैकेज डील के तहत उसको कई कमर्शियल फिल्मों में काम करना पड़ा था जैसे आज की आवाज और अंगारे। मोहन अगासे कहते हैं कि स्मिता पाटिल जीनियस नहीं थी लेकिन बेहद संवेदनशील थी।

फिल्मों के साथ ही स्मिता की पर्सनल लाइफ भी हमेशा सुर्खियों में रही। राज बब्बर से शादी करने के बाद उनपर घर तोड़ने तक के आरोप लगे और मीडिया में उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा था।

स्मिता पाटिल पुणे की मशहूर संस्था फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान की छात्रा नहीं थी क्योंकि उसका ज्यादातर वक्त वहां पढ़नेवाले उनके दोस्तों के साथ उस कैंपस के इर्द-गिर्द बीतता था। मोटर साइकिल से लेकर जोंगा जीप चलानेवाली स्मिता पाटिल की टॉम बाय की छवि बन गई थी।

अपने दोस्तों के साथ मराठी गाली गलौच की भाषा में बात करना उनका प्रिय शगल था। जब उसके पिता मुंबई आ गए तब भी उसका दिल पुणे में ही लगा रहा। वो मुंबई नहीं आना चाहती थी लेकिन परिवार के दबाव में वो मुंबई आ गई।

यहां उसने एलफिस्टन छोड़कर सेंट जेवियर में पढाई की। यहां उसके साथ एक बेहद दिलचस्प वाकया हुआ और वो दूरदर्शन में न्यूज रीडर बन गई।

सांवली स्मिता, गहराई से आती उसी आवाज, उसकी भौहें और बड़ी सी बिंदी ने स्मिता पाटिल को खुद ही खबर बना दिया। जो लोग मराठी नहीं भी जानते थे वो भी स्मिता पाटिल को खबर पढ़ते देखने के लिए टेलीविजन खोलकर बैठने लगे थे।

स्मिता पाटिल खबर पढ़ते वक्त हैंडलूम की पार वाली साड़ी पहनती थी लेकिन कम लोगों को ही पता है कि वो जींस पैंट पर साड़ी लपेट कर खबरें पढ़ा करती थी। दूरदर्शन के उस दौर में ही श्याम बेनेगल की नजर स्मिता पाटिल पर पड़ी और वहीं से उन्होंने तय किया कि स्मिता के साथ वो फिल्म करेंगे ।

उस दौर में मनोज कुमार और देवानंद भी स्मिता पाटिल को अपनी फिल्म में लेना चाहते थे । यह संयोग ही है कि स्मिता मनोज कुमार की फिल्म में काम नहीं कर सकी। देवानंद ने जब अपने बेटे सुनील आनंद को लॉंच किया तो उन्होंने उसके साथ स्मिता पाटिल को ही ‘आनंद और आनंद’ फिल्म में साइन किया था।

फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से ग्रैजुएशन करने के बाद स्मिता पर डायरैक्टर श्याम बेनेगल की नजर पड़ी और उन्होंने स्मिता को अपनी फिल्म ‘चरणदास चोर’ के लिए साइन कर लिया। 1975 में इस फिल्म की रिलीज के साथ ही स्मिता ने बॉलीवुड डेब्यू किया। 1975 से 1985 तक करीब 10 सालों में स्मिता हिंदी सिनेमा का बहुत बड़ा नाम बन गई थी।

13 दिसंबर, 1986 को 31 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। स्मिता ने कई फिल्मों में बिग बी के साथ इंटीमेट सीन भी किए हुए है।

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