सोनू सूद के बारे में कितना जानते हैं आप?
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सोनू सूद के चर्चे इनदिनों हर जगह है। कोई फिल्मी विलेन को असल जिंदगी का हीरो कह रहा है, तो कोई रियल लाइफ का सुपरहीरो । किसी ने सोनू सूद को प्रवासी मजदूरों का मसीहा का नाम दे दिया, तो कोई आज सोनू को भगवान की तरह पूज रहा है।
वजह है निस्वार्थ भावना से किया गया सोनू का वो नेक काम, जिसकी वजह से सोनू सूद ने सभी का दिल जीत लिया है। कोरोनावायरस की वजह से देश में लॉकडाउन लगा तो गरीब मजदूरों के सामने खाने-पीने का भी संकट खड़ा हो गया। सब से ज्यादा मुसीबत प्रवासी मजदूरों पर आ पड़ी, जो काम की तलाश में अपने घर-गांव से सैंकड़ों मील दूर महानगरों में काम करने के लिए आए थे।
सोनू सूद के बारे जानिए सब कुछ
सोनू सूद ने प्रवासी मजदूरों मदद को हाथ बढ़ाए
ऐसे में मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों की तरफ सोनू सूद ने मदद का हाथ बढ़ाया। सरकार की अनुमति लेकर उन्होने बसों का इंतज़ाम किया, और हर ज़रुरतमंद प्रवासी मजदूर को उसके गांव-शहर भेजने का पूरा बंदोबस्त किया।
दिन-रात एक करके सोनू इन दिनों प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं। हर कोई जानना चाहता है, कि प्रवासी मजदूरों का दुख और तड़प देख सोनू के दिल में इतना दर्द कैसे उमड़ा।
सोनू सूद खुद भी कभी भटकते थे मुंबई की सड़कों पर
सोनू सूद भी इसी तरह मुंबई की सड़कों पर भटकते थे, अपने लिए काम की तलाश में। 22 साल पहले 1998 में सोनू मुंबई चले आए थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि सोनू इंजीनियर हैं।
सोनू ने एक इंटरव्यू में बताया कि लोग उनसे मिलना नहीं चाहते थे, उन्हें डिमोटिवेट करते थे। आज वो जब उन चीजों को याद करते हैं तो उन्हें पुराना वक्त याद आता है।
सोनू ने बताया कि यही वजह है कि वह हर किसी से मिलते हैं और अगर उसमें हुनर नहीं भी है तो उसे डिमोटिवेट नहीं करते। वो मानते हैं कि इंसान अपनी लाइफ और अपने फैसले खुद तय करता है।
सोनू सूद मोगा के रहने वाले हैं
पंजाब के मोगा शहर के रहने वाले सोनू ने नागपुर के यशवंतराव चवन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की हुई है।
सोनू सूद के पिता की थी कपड़ों की दुकान
पंजाब में सोनू के पिता की कपड़ों की दुकान थी, जबकि उनकी मां प्रोफेसर थीं। पढ़ाई-लिखाई में अच्छे सोनू ने मां की इच्छा पर नागपुर के कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
सोनू सूद की प्रेम कहानी
पढ़ाई के दौरान ही सोनू की मुलाकात नागपुर में एमबीए की पढ़ाई कर रही तेलुगु लड़की सोनाली से मुलाकात हुई। सोनाली और सोनू एक दूसरे को पसंद करने लगे। 25 दिसंबर 1996 को सोनू सूद ने सोनाली से शादी कर ली।
पत्नी नहीं चाहती थीं सोनू सूद अभिनेता बनें
शादी के दो साल बाद ही फिल्मों में काम करने की चाहत उन्हें मुंबई ले आई। खास बात यह है, कि सोनाली, सोनू के इस फैसले के खिलाफ थीं। लेकिन जिंदगी की हर स्ट्रग्ल में सोनाली ने सोनू का साथ दिया।
कभी तीन दोस्तों के साथ पत्नी समेत रहते थे एक फ्लैट में
अपने एक इंटरव्यू में सोनू ने खुद बताया था, कि वह जब मुंबई शिफ्ट हुए थे, तब वह और सोनाली तीन स्ट्रग्लिंग एक्टर्स के साथ एक कमरे के फ्लैट में रहे थे। सोनू और सोनाली के दो बेटे हैं ईशांत और अयान।
कल्लाजगार से मिला पहला ब्रेक
फिल्मों में सोनू को पहला ब्रेक मिला, तमिल फिल्म ‘कल्लाजगार’ से, जिसके बाद उन्होने तमिल और तेलुगु भाषा कि कई फिल्मों में काम किया। 2002 में आई हिंदी फिल्म ‘शहीद-ए-आज़म’ ने सोनू के लिए बॉलीवुड के दरवाज़े खोले। फिल्म में उन्होने भगत सिंह की भूमिका निभाई थी।
2008 में आई फिल्म ‘जोधा अकबर’ में सोनू राजकुमार सूजामल के रोल में दिखे। 2009 में सोनू की तेलुगु फिल्म ‘अरुंधती’ रिलीज़ हुई थी, जिसमें उन्होने विलेन की भूमिका ऩिभाई थी। फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। फिल्म में यादगार रोल निभाने के लिए सोनू को नंदी अवॉर्ड और फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिले थे। लेकिन सोनू अब तक उस हिट के लिए तरस रहे थे, जिसकी उन्हें ख्वाहिश थी।
सलमान खान की दंबग में छेदी सिंह से मिली सफलता
सोनू की यह इच्छा पूरी हुई साल 2010 में। जब रिलीज़ हुई सलमान खान की फिल्म ‘दबंग’। फिल्म वह विलेन छेदी सिंह के किरदार में थे। सोनू की एक्टिंग और पर्सनैलिटी ने फिल्म के हीरो सलमान खान को सीधी टक्कर दी थी। सोनू ने अपनी एक्टिंग के लिए खूब तारीफें बटोरीं।
छेदी सिंह के किरदार के लिए उन्हें नेगेटिव एक्टर कैटेगरी में अप्सरा अवॉर्ड और आइफा अवॉर्ड्स मिले। जिसके बाद सोनू ने कभी पीछे मुंड़कर नहीं देखा। 2018 में आई फिल्म सिम्बा में सोनू ने एक बार फिर नेगेटिव रोल प्ले किया था। सोनू दुर्वा रानाडे के रोल में दिखे थे।
अक्षय कुमार की अपकमिंग फिल्म ‘पृथ्वीराज’ में भी सोनू अहम भूमिका निभा रहे हैं।लेकिन असल जिंदगी में सोनू फिलहाल जो भूमिका अदा कर रहे हैं, उसने सोनू को सभी का चहेता सितारा बना दिया है। सोनू प्रवासी मजदूरों के मसीहा बन गए हैं और लाखों लोगों को दिल जीत रहे हैं।
सोनू सूद की मां नहीं देख पाईं अपने बेटे को स्क्रीन पर
सोनू सूद के बारे में शायद ही आपको पता हो कि उन्होंने अपनी पहली बड़ी फिल्म की रिलीज से पहले ही अपनी मां को खो दिया था। सोनू ने एक इंटरव्यू में बताया, “मेरी मां हमेशा मेरी प्रेरणा रही हैं। वो हमेशा मुझे प्रेरित करती थीं कि मैं अपने लक्ष्य तक पहुंचूं।
उन्हें हमेशा लगता था कि कुछ फिल्में आएंगी सोनू की जिंदगी में जो बहुत अहम होंगी। जोधा अकबर वो फिल्म थी जिसके लिए वो बहुत एक्साइटेड थीं। लेकिन शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था।”
सोनू सूद ने बताया कि जोधा अकबर के बाद उन्हें और भी बड़ी फिल्में मिलीं। नाम मिला शोहरत मिली लेकिन उन्हें हमेशा इस बात का मलाल रहा कि जिसके लिए उन्होंने इतनी मेहनत की और जो हमेशा से उन्हें कामयाबी के उस मुकाम पर देखना चाहती थीं उनकी वो मां सोनू को ये सब करते हुए नहीं देख पाईं।
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