स्वरा भास्कर को मीडिया की सुर्खियों से प्यार है इसीलिए सारी बयानबाज़ी है

स्वरा भास्कर ने कहा महात्मा गांधी की हत्या करने वाले लोग आज सत्ता में हैं

स्वरा भास्कर के अलावा  भी बॉलीवुड में कलाकार हैं वो अपनी राय कभी कभी चुनिंदा मुद्दों पर रखते हैं लेकिन स्वरा भास्कर किसी भी मुद्दे पर बोलना शुरु करती हैं और इसलिए वो ट्रोल भी होती हैं और मीडिया में सु्र्खियां बनती हैं। स्वरा को समझ में आ गया है कि ऊलजुलूल बातें करके जितना वो मीडिया मे बनी रहेंगी उनकी झोली उतनी ही फिल्मों से भरी रहेगी।

अपने बेबाक बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहने वालीं ऐक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने एक बार फिर से सत्ता पर निशाना साधा है। स्वरा भास्कर ने अप्रत्यक्ष रूप से मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करनेवाले लोग आज सत्ता में हैं।

थ ही उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसे लोगों को हमें जेल में डाल देना चाहिए। बता दें कि स्वरा भास्कर के इस बयान को मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

स्वरा भास्कर इससे पहले भी सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखती रही हैं। इसके लिए कई बार उन्हें ट्रोल्स का भी सामना करना पड़ा है। कुछ महीने पहले जब स्वरा ने सोशल मीडिया पर कठुआ में 8 साल की बच्ची के रेप के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया था तब भी उन्हें ट्रोल का सामना करना पड़ा था। लोगों का कहना था कि स्वरा सिर्फ एक पक्ष का समर्थन करती हैं।

स्वरा भास्कर“महात्मा गांधी की हत्या करने वाले लोग आज सत्ता में हैं।”

दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए स्वरा ने अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। स्वरा ने कहा, ‘हमारे देश में जब महात्मा गांधी जैसे महान नेता की हत्या हुई, उस वक्त भी कुछ लोग जश्न मना रहे थे। आज वे सत्ता में हैं। क्या हम उनको जेल में डाल देना चाहिए….? जाहिर है नहीं। इसका जवाब है नहीं।’ इस दौरान स्वरा ने यह भी कहा कि एक खून का प्यासा समाज बनना कोई अच्छी बात नहीं है।

हाल ही में ऐक्ट्रेस पायल रोहतगी ने भी स्वरा भास्कर पर एक फिल्म में उनके मास्टरबेशन के सीन को लेकर हमला बोला था। स्वरा ने भी बिना देर किए उस ट्वीट का करारा जवाब दिया था। स्वरा भास्कर बॉलिवुड में ‘रांझणा’, ‘प्रेम रतन धन पायो’, ‘अनारकली आरावाली’, ‘वीरे दी वेडिंग’ जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं।

बता दें कि हाल ही में भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में कवि वरवरा राव, अरुण पेरेरा, गौतम नवलखा, वेरनोन गोन्जाल्विस और सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले में 28 अगस्त को गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया है।

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