अरुण गोविल | जिनका पैर छूने के लिए लोग उन्हें घेर लेते थे
अरुण गोविल फिल्मी पर्दे से दूर टीवी के ये राम अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं। छोटे पर्दे पर और बॉलीवुड में रामायण को कई बार फिल्माया गया। लेकिन रामानंद सागर की रामायण ने दर्शकों के दिलों में जो जगह बनाई वो आज भी कोई ले नहीं पाया है। उस रामायण में जितने भी पात्र थे उनको आज तक भुलाया नहीं जा सका है। इन पात्रों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुए थे श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल।
80 के दशक में शुरू हुए रामायाण में अरुण गोविल की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उस दौरान दर्शक घरों में उनके पोस्टर लगाया करते थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद बताया था कि कई बार शूटिंग के दौरान भी लोग उनसे मिलकर अपनी मुसीबतें सुनाने लगते थे। जब रामायण दूरदर्शन पर प्रसारित होता था दर्शक अरुण गोविल को भगवान राम का रूप मानने लगे थे। वो जहां भी जाते थे फैन्स उनके पैर छूने की कोशिश करते थे।
राम का किरदार निभा कर दर्शकों के दिल में उतर जाने वाले अरुण गोविल ने एक्टिंग करियर की शुरुआत 1977 में रिलीज हुई फिल्म ‘पहेली’ से की थी। इसके अलावा उन्होंने ‘सावन को आने दो’, ‘सांच को आंच नहीं’, ‘इतनी सी बात’, ‘हिम्मतवाला’, ‘दिलवाला’, ‘हथकड़ी’ और ‘लव कुश’ जैसी कई फिल्मों में काम किया है।
रामायण के अलावा अरुण गोविल ने रामानंद सागर के एक और धारावाहिक ‘विक्रम और बेताल’ में राजा विक्रमादित्य का भी रोल निभाया था। 33 साल पहले राम का किरदार कर दर्शकों के दिल में राम बनकर बस जाने वाले अरुण ने अब खुद को अभिनय से दूर कर लिया है। अरुण अब टीवी सीरियल में भी नजर नहीं आते। अब अरुण मुंबई में अपनी प्रोडक्शन कंपनी चलाते हैं।
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