रानू मंडल की बेटी ने क्यों छोड़ा था मां साथ | खुलासा जानकर रो पड़ेंगे आप
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रानू मंडल (Ranu Mondal) एक लाचार महिला थीं जिनकी ताकत उनकी आवाज बनी। रानू का रेलवे प्लेटफॉर्म वाला वीडियो लगभग हर किसी ने देखा होगा। जिसमें वह अपनी मोहक आवाज में लता मंगेशकर (Lata Mageshkar Songs) का गाना ‘एक प्यार का नगमा’ है गाती हुई नजर आ रही हैं।
इसके बाद से हर कोई रानू के बारे में जानना चाहता है। कहा जा रहा है कि उनका असली नाम कुछ और है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं रानू के बारे में कुछ ऐसी बातें जो शायद किसी को पता नहीं हैं।
रानू रे से कैसे बनीं रानू मंडल
रानू मंडल पश्चिम बंगाल के रानाघाट की रहने वाली हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स तो यहां तक दावा कर रही हैं कि रानू का असली नाम रेनू रे (Renu Ray) है, रानू की शादी बबलू मंडल नाम के एक शख्स से हुई थी।
तभी से वह रानू मंडल हो गईं। शादी के बाद रानू मुंबई शिफ्ट हो गई थीं। रानू की जिंदगी ठीक ही चल रही थी, लेकिन जब उनके पति की मृत्यु हुई तो अचानक से रानू की जिंदगी में भूचाल आ गया।
पति के निधन के बाद रानू अपने गांव रानाघाट वापस आ गईं और यहां आकर उनकी हालत और खराब हो गई। रानू ने तय किया कि वो अपनी जीवनी के लिए अपनी आवाज को ताकत बनाएंगी।
गरीबी का आलम ये था कि रानू को रेलेव स्टेशन पर कोने में बैठ कर भीख मांगनी पड़ती थी। वो गाना गातीं और रास्ते से गुजरते लोग उनकी आवाज सुनकर उन्हें कुछ पैसे या खाने की चीजें दे जाया करते।
रानू मंडल से रानू बॉबी तक का सफ़र
कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि रानू मंडल (Ranu Mondal) पहले एक क्लब में गाना गाया करती थीं, तब उन्हें लोग रानू बॉबी के नाम से जानते थे। ये भी बताया गया कि जब रानू 20 साल की थीं तो एक क्लब में गाना गाया करती थीं।
तब उन्हें लोग रानू बॉबी के नाम से जानते थे। उन्होंने गाना सिर्फ इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि परिवार को रानू का ये काम कतई पसंद नहीं था।
बेटी ने भी छोड़ दिया था मां का साथ
जिस बेटी को रानू मंडल ने पति की निशानी समझ कर पाला उसी बेटी ने मां को ठोकरें मार दीं। मां की बदहाली में मदद करने की जगह बेटी ने भी मुहं मोड़ लिया।
बेटी मां का भीख मांगना नहीं पसंद करती थी
बेटी ने रानू का साथ इसलिए छोड़ दिया क्योंकि उसे अपनी मां का रेलवे स्टेशन पर भीख मांगना पसंद नहीं था। रानू ने लगभग 10 साल ऐसे ही गरीबी के हालत में गुजारे और इन सालों में बेटी, रानू के साथ नहीं थीं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ये भी कहते हैं कि रानू की बेटी को मां की शक्ल और उनका पेशा बहुत अखरता था और वो मां को छोड़कर चली गई। बहरहाल मानू ने इसे भी नियति मान लिया।
रानू की किस्मत बदलते ही बेटी ने लिया यू टर्न
जब रानू एक वीडियो के साथ सोशल मीडिया सेंसेशन बन गईं तो 10 सालों बाद उनकी बेटी भी वापस लौट आईं।
ऐसे बदली किस्मत रानू मंडल की
वहीं रानू ने कई सालों तक रेलवे स्टेशन के एक कोने में बैठकर गाना गाया और भीख मांगी। एक दिन अतींद्र चक्रवर्ती नाम के एक सॉफ्टवेर इंजीनियर की वजह से रानू की किस्मत पलट गई।
अतींद्र ने रानू को लता मंगेशकर का गाना ‘एक प्यार का नगमा है’। गाते हुए देखा और उनका वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया था।
इसके बाद की कहानी तो सभी को पता है। रानू इसी वीडियो के बाद इंटरनेट सनसनी बन गईं। उनका ये वीडियो रातों-रात ऐसा वायरल हुआ कि आज रानू बॉलीवुड सिंगर के तौर पर पहचान बना चुकी हैं।
रानू अब तो हिमेश रेशमिया की फिल्म ‘हैप्पी हार्डी एंड हीर’ के गाने ‘तेरी मेरी कहानी’ से बॉलीवुड में प्लेबैक सिंगर के तौर पर डेब्यू कर चुकी हैं।
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